Air Pollution राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता में दर्ज हो रही गिरावट को लेकर एक्सपर्ट चितिंत है. अरुणेश कुमार, वरिष्ठ सलाहकार, गुरुग्राम स्थित पारस अस्पताल के पल्मोनोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार अरुणेश कुमार ने कहा कि प्रदूषण से कोरोना के भी आंकड़े बढ़ सकते हैं. जिन मरीजों को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत है, उनकी हम निगरानी कर रहे हैं. बच्चों और बुजुर्गों का खासकर ध्यान रखने की जरूरत है.
वहीं, मेदांता के अध्यक्ष डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कहा है कि वायु प्रदूषण से सभी पीड़ित होंगे. लोग सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ की शिकायत कर रहे हैं. खासकर अस्थमा और फेफड़ों की समस्या वाले लोगों को ऐसी समस्याएं ज्यादा हो रही है. वहीं, छोटे बच्चे बहुत कमजोर होते हैं और यह प्रदूषण उनके मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है. डॉ नरेश त्रेहान ने कहा कि अस्पताल मरीजों से भरा हुआ है. इसलिए यह हमारे लिए मुश्किल दौर है. हर साल हम इस समस्या का सामना करते हैं, लेकिन इसका समाधान करने या इसे ठीक करने में विफल रहे है.
It's important to recognise that in that context our environment is never healthy.We always breathe polluted air.COVID doesn't help as with winter,fog infections might increase as there's risk of virus being entrapped in droplet in environment with cold air above us:Dr Arunesh Kr pic.twitter.com/UJXZ5OkQOU
— ANI (@ANI) November 6, 2021
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण पर डॉ अरुणेश कुमार ने कहा कि अधिकांश समय दिल्ली-एनसीआर में ट्रिगर होने पर हमारे जागने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि लोगों को लगता है कि अचानक उनकी सांस लेने में तकलीफ बढ़ जाती है. लेकिन, सच्चाई यह है कि हमारा एक्यूआई कभी भी सामान्य नहीं होता है. डॉ अरुणेश कुमार ने कहा कि यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि उस संदर्भ में हमारा पर्यावरण कभी स्वस्थ नहीं होता है. हम हमेशा प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं. सर्दी के साथ कोविड मदद नहीं करता है. कोहरे के संक्रमण बढ़ सकते हैं, क्योंकि हमारे ऊपर ठंडी हवा के साथ वातावरण में बूंदों में वायरस के फंसने का खतरा है.
Hospital is full of patients. So this is a difficult phase for us. Every year we face this problem but failed to address or correct it: Dr Naresh Trehan, Chairman-MD, Medanta, The Medicity pic.twitter.com/cybD1w2v1n
— ANI (@ANI) November 6, 2021
डॉ अरुणेश कुमार ने कहा कि तुलना नहीं करनी चाहिए, लेकिन कोविड और प्रदूषण दोनों समान रूप से खतरनाक हैं. एक प्रकार से प्रदूषण एक बारहमासी घटना है. यह हमारे लिए कोई नई बात नहीं है. कुल लॉकडाउन के कुछ महीनों को छोड़कर दिल्ली का औसत एक्यूआई कभी भी सामान्य नहीं होता है. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में है.
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