Agnipath Recruitment Scheme : अजित डोभाल ने कहा, अग्निपथ भविष्य की तैयारी, परिवर्तन समय की मांग

अजित डोभाल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जब से सत्ता में आये हैं उन्होंने देश की सुरक्षा को सर्वोपरि माना है. सीडीएस की बात ही करें, तो इसकी डिमांड काफी समय से हो रही थी, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में यह संभव नहीं हो पा रहा था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2022 2:27 PM
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि पूरी दुनिया में बदलाव हो रहा है और हमें अगर भविष्य की तैयारी करनी है तो हमें परिवर्तन करना होगा. अजित डोभाल ने उक्त बातें अग्निपथ स्कीम (Agnipath Recruitment Scheme) के बारे में कही.

अग्निपथ स्कीम समय की मांग

अजित डोभाल ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हम जो कल कर रहे थे वो आगे भी करते रहें, समय के अनुसार हमें बदलाव करना होता है. अग्निपथ स्कीम समय की मांग है. हमारे आसपास के देशों में बदलाव हो रहा है. ऐसे में हमें भी भविष्य को ध्यान में रखकर काम करना होगा.


देश की सुरक्षा सर्वोपरि है

अजित डोभाल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जब से सत्ता में आये हैं उन्होंने देश की सुरक्षा को सर्वोपरि माना है. सीडीएस की बात ही करें, तो इसकी डिमांड काफी समय से हो रही थी, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में यह संभव नहीं हो पा रहा था. लेकिन मोदी जी ने इसे किये.

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मोदी सरकार में नये हथियार खरीदे गये

मोदी सरकार में नये तरीके के हथियार खरीदे गये हैं. जिस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी वैसे हथियार खरीदे गये हैं. पनडुब्बी के क्षेत्र में भी काफी बदलाव हुआ है. सरकार लगातार देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और इसी क्रम में अग्निपथ स्कीम को लॉन्च किया गया है.

अग्निवीरों का सम्मान कम नहीं होगा

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि अग्निवीरों के सम्मान में कोई कमी नहीं होगी. जब ये चार साल के बाद रिटायर होकर आयेंगे, तो वे युवा होंगे और उनके पास नौकरी के दूसरे अवसर होंगे. आजकल लोग सेटेल होने में 25-26 साल लग ही जाते हैं, तो अग्निवीरों के पास पूरा मौका होगा. वे एक जीवन में दो-तीन नौकरी कर पायेंगे.

नयी चीज को लेकर शंकाएं होती हैं

जब कोई नयी चीज होती है, तो उसे लेकर शंकाएं उपजती हैं. विरोध करने वालों के मन में इसी तरह की शंकाएं हैं. कुछ सही होती हैं तो भ्रम पैदा करने वाली होती हैं. लेकिन जब उन्हें सच्चाई का पता चलता है तो वे बातों को समझ जाते हैं. जिन्हें सेना में जाना है, वे तैयारी करने में जुटे हैं. जो लोग सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं वे सेना में जाने वाले लोग नहीं हैं. सुरक्षा के लिए अग्निवीर जरूरी हैं और इन्हें लेकर शंकाएं बेमानी हैं.

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