विपक्ष की बैठक से पहले ‘अजित गुट’ का शरद पवार से मिलना, जानिए क्या हैं इसके मायने?
यह घटनाक्रम अगले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा से मुकाबला करने के लिए बेंगलुरु में विपक्षी दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले हुई है. 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में 24 विपक्षी दल 2024 के मद्देनजर एक साथ बैठक करेंगे जिसमें शरद पवार भी मौजूद रहेंगे.
एनसीपी पर नियंत्रण की लड़ाई के बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार और एनसीपी नेताओं ने मुंबई में पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. ये मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है जब एक दिन के बाद यानी 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में 24 विपक्षी दल 2024 के मद्देनजर एक साथ बैठक करेंगे. एनसीपी पर नियंत्रण की लड़ाई के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और कई एनसीपी नेताओं ने मुंबई में पार्टी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. अजित पवार, जिन्होंने अपने चाचा प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया, मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, हसन मुश्रीफ, छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे और डिप्टी स्पीकर नरहरि ज़िरवाल उन राकांपा नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने वाईबी चव्हाण केंद्र में पवार से मुलाकात की. राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ के पास.
हम अपने आदर्श शरद पवार का आशीर्वाद लेने आए हैं- प्रफुल्ल पटेल
प्रफुल्ल पटेल, जो विद्रोह से पहले शरद पवार के करीबी सहयोगियों में से एक थे, ने कहा कि वे अपने “आदर्श” का आशीर्वाद लेना चाहते थे और उन्हें बताए बिना आए थे. प्रफुल्ल पटेल ने संवाददाताओं से कहा, “हम अपने आदर्श शरद पवार का आशीर्वाद लेने आए हैं.” “हम एनसीपी को एकजुट रखना चाहते हैं इसलिए हमने पवार साहब से इस पर विचार करने और हमारा मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया. उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, बस हमारी बात सुनी.”
पवार को बिना बताए पहुंचा अजित गुट
“हम पहले उन्हे बताए बिना आए थे. हमें पता चला कि वह कार्यालय में हैं इसलिए हम उनका आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचे.” एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र अवहाद भी वाईबी चव्हाण केंद्र पहुंचे थे. पाटिल ने कहा, “अजित पवार समूह ने खेद व्यक्त किया और शरद पवार से पार्टी में मौजूदा जटिलताओं से बाहर निकलने का रास्ता खोजने का आग्रह किया.” उन्होंने कहा, “हम अपने रुख पर कायम हैं.”
शरद पवार गुट के विधायक अगर समर्थन करें तो हम उन्हे बागी नहीं समझेंगे- प्रफुल्ल पटेल
“हम पहले उन्हे बताए बिना आए थे. हमें पता चला कि वह कार्यालय में हैं इसलिए हम उनका आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचे.” एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र अवहाद भी वाईबी चव्हाण केंद्र पहुंचे थे. पाटिल ने कहा, “अजित पवार समूह ने खेद व्यक्त किया और शरद पवार से पार्टी में मौजूदा जटिलताओं से बाहर निकलने का रास्ता खोजने का आग्रह किया.” उन्होंने कहा, “हम अपने रुख पर कायम हैं.” पाटिल ने कहा कि शरद पवार गुट के पास 19 विधायकों का समर्थन है और “अगर वे (बागी) वापस आना चाहते हैं, तो हम इसके लिए हमेशा तैयार हैं.”
विपक्ष की बैठक से अजित गुट पहुंचा शरद पवार के पास
यह घटनाक्रम अगले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा से मुकाबला करने के लिए बेंगलुरु में विपक्षी दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले हुई है. ऐसी आखिरी बैठक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में आयोजित की गई थी, जिसमें शरद पवार ने भाग लिया था और उनके साथ प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे.
गलुरू में 17 और 18 जुलाई को होने वाली विपक्ष की अगली बैठक में 24 पार्टियां भाग लेंगी
वहीं, 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती देने के मकसद से जारी विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत बेंगलुरू में 17 और 18 जुलाई को होने वाली विपक्ष की अगली बैठक में 24 पार्टियां भाग लेंगी. विपक्षी दलों की 23 जून को पटना को हुई पिछली बैठक में 15 राजनीतिक दल शामिल हुए थे. उसके मुकाबले इस बार नौ और राजनीतिक दल भी विपक्षी दलों की बैठक का हिस्सा बनेंगे.
सोनिया गांधी भी बैठक में होंगी शामिल
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी भी 17 जुलाई को विपक्षी नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में शामिल हो सकती हैं. सूत्रों ने बताया कि 17 जुलाई को रात्रिभोज नेताओं की मुलाकात के बाद इसके अलग दिन विधिवत चर्चा होगी जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर आगे की रणनीति तय की जा सकती है. सूत्रों के अनुसार विपक्षी दलों की बैठक में एमडीएमके, केडीएमके, वीसीके, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और केरल कांग्रेस (मणि) भी शामिल होंगे.
कांग्रेस ने अपने ताजा बयान में कहा है की वो सदन में अध्यादेश का समर्थन नहीं करेगी.
24 राजनीतिक दल विपक्षी बैठक में शामिल होने जा रहे हैं उनके करीब 150 लोकसभा सदस्य हैं. विपक्ष की बैठक में आम आदमी पार्टी को भी आमंत्रित किया गया है. आम आदमी पार्टी ने पिछले दिनों कहा था कि कि अगर कांग्रेस दिल्ली से संबंधित केंद्र के अध्यादेश पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करती है तो वह कांग्रेस की मौजूदगी वाली किसी बैठक का हिस्सा नहीं होगी. वहीं कांग्रेस ने अपने ताजा बयान में कहा है की वो सदन में अध्यादेश का समर्थन नहीं करेगी.