नयी दिल्र्ली : केंद्र में सत्तासीन भाजपा की ओर से हाल के दिनों में संसद के मानसून सत्र में पास कृषि बिल के विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफा देने के बाद शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शनिवार को NDA से अलग होने का फैसला किया है.
गौरतलब है कि संसद में कृषि बिल पास होने के बाद ही हरसिमरत कौर ने विरोध जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से संसद में पास कराए गए इस बिल के विरोध में अकाली दल ने NDA से अलग होने का फैसला किया है. बता दें कि अकाली दल पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रिय पार्टी रही है.
इससे पहले शिरोमणी अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को मांग की कि पंजाब सरकार तत्काल एक अध्यादेश लेकर आए जिसमें पूरे राज्य को कृषि बाजार घोषित किया जाए ताकि केंद्र के कृषि विधेयकों को यहां लागू करने से रोका जा सके.
शिअद ने एक वक्तव्य में कहा, ‘अकाली फोबिया से दिनरात ग्रस्त रहने और अपने विरोधियों पर दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने में व्यस्त रहने के बजाए मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह किसानों की रक्षा के लिए कदम उठाएं.’
बादल ने कहा, ‘केंद्र के नए कानूनों को पंजाब में लागू करने का एकमात्र तरीका यह है कि पूरे राज्य को कृषि उत्पाद की मंडी घोषित कर दिया जाए.’ उन्होंने कहा कि कोई भी इलाका जिसे मंडी घोषित किया गया है वह नए कानून के दायरे से बाहर है. उन्होंने कहा कि इससे ‘बड़े कॉर्पोरेट शार्क’ प्रदेश में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.
posted by : sameer oraon