भारत में बड़ी तबाही की साजिश रच रहा है अल कायदा, निशाने पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और हिंदूवादी नेता

आतंकी संगठन अल-कायदा के निशाने पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और सेना आ सकती हैं. अल-कायदा के इशारे पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों, कारोबारी ठिकानों, हिन्दुत्व की विचारधारा से जुड़े नेताओं पर आतंकियों द्वारा लोन-वुल्फ अटैक किया जा सकता है.

By Shaurya Punj | June 10, 2020 9:01 PM
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आतंकी संगठन अल-कायदा के निशाने पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और सेना आ सकती हैं. अल-कायदा के इशारे पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों, कारोबारी ठिकानों, हिन्दुत्व की विचारधारा से जुड़े नेताओं पर आतंकियों द्वारा लोन-वुल्फ अटैक किया जा सकता है.

क्या है लोन-वुल्फ अटैक

लोन-वुल्फ अटैक का मतलब यह है कि आतंकवादी चाकू से हमला कर सकते हैं या छोटे हथियारों से फायरिंग कर सकते हैं या फिर वाहन से कुचल सकते हैं. अल कायदा इन दी इंडियन सब कॉन्टिनेंट के अनुसार लोन वुल्फ अटैक के लिए बांग्लादेश स्थित इस्लामिक विद्वानों और मौलवियों की एक बड़ी टीम का भी इस्तेमाल किया गया है. इसी तरह की सामग्री बांग्लादेश और भारत में समान विचारधारा वाले व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए उनके ऑनलाइन फ़ोरम, पत्रिकाओं और सोशल मीडिया चैनलों पर नियमित रूप से अपलोड की जा रही है. इसके जरिए आतंकी सोच रखने वाले लोगों को अपने दम पर भारतीय हितों को निशाना बनाने के लिए उकसाया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक ये वीडियो ग्लोबल जिहाद को प्रमोट करने और लोन वुल्फ हमलों की योजना की पूरी जानकारी और रणनीति को बता रहे हैं.

सुरक्षा बलों ने बढ़ाई सुरक्षा

लोन वुल्फ के इनपुट प्राप्त होने के बाद सुरक्षा बलों ने सुरक्षा को बढ़ा दिया है. इसके साथ ही वीवीआईपी सुरक्षा के लिए काम करने वाली टीमों को कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा गया है. सुरक्षाबलों को यह भी हिदायत दी गई है कि वह किसी तरह से भी भय का माहौल न बनने दें. लोन वुल्फ हमले के इनपुट के बाद जारी एक अन्य इनपुट में कहा गया है, “इस तरह के किसी भी हमले के मामले में घबराए नहीं और पूर्वनिर्धारित आकस्मिक योजना के अनुसार काम करें.”

एक्यूआईएस के बांग्लादेश चैप्टर ने हाल ही में एक वेबसाइट पर वीडियो की सीरीज़ अपलोड की है, जो “ग्लोबल जिहाद के महत्व में लोन वुल्फ हमलों” की योजना और क्रियान्वयन के लिए एक विस्तृत रणनीति प्रदान करता है. 2014 में अल कायदा के चीफ रहे अल जवाहिरी ने इंडियन सबकांटिनेंट में अलग कायदा के गठन की घोषणा की थी और असीम उमर को जिम्मेदारी दी. इसका मकसद भारत, अफगानिस्तान,म्यांमार, बांग्लादेश की सरकारों से लड़ना था.

Posted By : Shaurya Punj

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