कोरोना वायरस की दूसरी लहर में डेल्टा वायरस की तबाही को पूरा देश देख चुका है. नए-नए जानलेवा वेरिएंटस् देश में तेजी से पांव पसार रहे हैं. लेकिन इतना होने पर भी देश के अधिकांश लोग अभी भी मास्क पहनने से कतरा रहे हैं. मास्क पहने के नियम का नियम का पालन करने वालों की तादाद अभी भी बहुत कम है. ये हम नहीं कह रहें, एक सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है.
क्या हुआ है सर्वेक्षणः ऑनलाइन सोशल मीडिया मंच लोकल सर्किल ने एक सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण के मुताबिक भारत के लोगों में मास्क को लेकर जागरुकता काफी कम है. यहां तक कि, टीकाकरण केंद्रों पर भी मास्क पहनने के नियम का बहुत कम अनुपालन हो रहा है. बता दें, सर्वेक्षण में शामिल 67 फीसदी लोगों ने माना कि उनके क्षेत्र या शहर में लोग मास्क को लेकर गंभीर नहीं हैं. बता दें, इस सर्वेक्षण में भारत के 312 जिलों के करीब 33 हजार लोगों के हिस्सा लिया था.
सर्वेक्षण में शामिल कई लोगों ने यह भी कहा कि कोरोना का टीका लेने के बाद उनके परिवार के लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण हो गया. लोगों ने कहा कि इससे यह जाहिर होता है कि कोरोना वायरस का संक्रमण टीकाकेन्द्रों पर बड़े पैमाने पर मौजूद है. लेकिन इतना होने पर भी वहां के लोग मास्क पहनने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं. सर्वेक्षण में कहा गया कि यह बड़े चिंता की बात है.
सर्वेक्षण के मुताबिक देश में 44 फीसदी लोग कपड़े का मास्क पहनते हैं. लेकिन इसमें कोरोना के डेल्टा और डेल्टा प्लस संक्रमण से सुरक्षा की संभावना कम रहती है. इसलिए इस वायरस के बचाव के लिए जरूरी है कि अच्छा मास्क पहन. वहीं सरकार के मास्क पहनने के नियम को अनिवार्य करने के फैसले को 91 फीसद लोगों ने सही कहा है. जबकि बचे हुए इसे गैरजरूरी बता रहे हैं.
गौरतलब है कि कोरोना से बचाव में मास्क एक कारगर हथियार है. इसको लेकर लापरवाही कई लोगों के लिए भारी साबित हो सकती है. कोरोना की दूसरी लहर की तबाही देश देख चुका है. संभावित तीसरी लहर के कयाज लगाये जा रहे हैं. ऐसे में सभी के लिए मास्क पहनना बेहद जरूरी है.
Posted by: Pritish Sahay