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सितंबर-अक्बटूर में आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर
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एम्स निदेशक ने तीसरी लहर को लेकर किया सावधान
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कहा-सोशल डिस्टेसिंग और वैक्सीनेशन से हो सकता है बचाव
कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर पूरे देश में चिंता है. वहीं कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (AIIMS director Dr Randeep Guleria) ने सावधान किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन, सावधानी, सोशल डिस्टेसिंग, मास्क और वैक्सीनेशन के जरिए इससे बचा जा सकता है. एक अंग्रेजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने ये बात कही हैं.
क्या सितंबर में आ सकती है तीसरी लहर: वहीं, सितंबर-अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना पर डॉ. गुलेरिया का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए तीसरी लहर का डर तो सता रहा है. क्योंकि जैसे जैसे प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं, वैसे वैसे सार्वजनिक जगहों पर भीड़ बढ़ रही है. लोग यात्राएं कर रहे हैं. लोग कोरोना गाईडलाइन का पूरी तरह अनदेखी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना के आंकड़े डरा रहे हैं. हर दिन देश में कोरोना के आंकड़े 30 हजार से उपर ही रह रहे हैं. वहीं, कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी कमी तो आई है लेकिन अभी भी ये ज्यादा है. एसे में जिस तरह से देश अनलॉक हो रहा है, पाबंदिया हटती जा रही है, और लोग कोरोना प्रोटोकॉल की अनदेखी कर रहे हैं, उससे साफ है कि आने वाले समय में यानी सितंबर या अक्टूबर में कोरोना के मामलों में इजाफा हो सकता है.
बच्चों के लिए कितना घातक है कोरोना की तीसरी लहर: कई जानकारों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे होंगे. लेकिन, डॉ. गुलेरिया का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है. उन्होंने सीरो सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि, सीरो सर्वे से पता चलता है कि बच्चों को भी काफी हद तक कोरोना संक्रमण हुआ, लेकिन उन्हें हल्का संक्रमण था जिससे वे आसानी से उबर गए. वहीं एंटीबॉडी परीक्षण में भी यह बात सामने आयी है कि, बच्चों में पहले से ही एंटीबॉडी थे. एसे में उनका कहना है कि आने वाली संभावित तीसरी लहर से बच्चों गंभीर संक्रमण होने की कम ही संभावना है.
वहीं, कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए स्कूल खोलना उचित रहेगा या नहीं, इसपर डॉ. गुलेरिया का कहना है कि, श्रेणीबद्ध तरीके से स्कूल खोला जा सकता है. जिन इलाकों में कोरोना की रफ्तार बहुत कम है. नये संक्रमितों की संख्या कम है उन इलाकों में स्कूल खोल सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा की एसी व्यवस्था हो जिसमें आधे बच्चे एक दिन में आए और आधे बच्चे दूसरे दिन. इस तरह कोरोना फैलने की संभावना कम हो जाएगी. वहीं, उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि अगर सितंबर तक बच्चों के लिए टीके आ जाएं तो इससे स्कूलों को खोलने की दिशा में और प्रगति होगी.
Posted by: Pritish Sahay