BRO ने रचा इतिहास, रिकॉर्ड समय में खोले गये लेह के तीनों रूट, सेना की मूवमेंट होगी आसान
439 किलोमीटर लंबे श्रीनगर रूट को केवल 68 दिनों में 16 मार्च को खोल दिया गया. 11,540 फीट की ऊंचाई पर जोजिलॉ के पास श्रीनगर मार्ग बंद हो गया था. भारी बर्फबारी के कारण इसे बंद कर दिया गया था. 427 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह मार्ग को 138 दिनों में खोल दिया गया.
बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने इतिहास रच डाला है. रिकॉर्ड समय में लेह के सभी तीन मार्गों को खोल दिया गया है. इस रूट के शुरू हो जाने से यह एरिया अब सभी मौसम में सड़क मार्ग से कनेक्ट रहेगा. यह रूट श्रीनगर और मनाली को और अटल टनल को भी जोड़ते हैं.
439 किलोमीटर लंबे रूट को केवल 68 दिनों में खोल दिया गया
439 किलोमीटर लंबे श्रीनगर रूट को केवल 68 दिनों में 16 मार्च को खोल दिया गया. 11,540 फीट की ऊंचाई पर जोजिलॉ के पास श्रीनगर मार्ग बंद हो गया था. भारी बर्फबारी के कारण इसे बंद कर दिया गया था. 427 किलोमीटर लंबे मनाली-लेह मार्ग को 138 दिनों में खोल दिया गया. यही नहीं निम्मू-पदम दरर्चा मार्ग को 55 दिनों के बाद खोल दिया गया. यह 16561 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इन तीनों रूटों को लद्दाख से जोड़ने के लिए तैयार किये गये हैं.
सेना के मूवमेंट होगी आसान
तीनों रूटों के शुरू हो जाने से सेना के मूवमेंट में आसानी होगी. इन रूटों को मई-जून में ही खोला जाता था. लेकिन 3 से 4 महीने पहले ही उन्हें खोल दिया गया. इससे सेना के मूवमेंट में काफी आसानी हो जाएगी. गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ संघर्ष के बाद ये रूट काफी महत्वपूर्ण हो जाएगा. सेना के साथ-साथ आम लोगों को भी इन रूटों के शुरू हो जाने से काफी लाभ होगा. लद्दाख के लोग कम समय में यात्रा कर सकेंगे. बर्फबारी के कारण सड़क बंद होने से लोगों को हवाई मार्ग से सफर करना पड़ता था, जो उन्हें काफी महंगा पड़ता था.