हमारे सभी नागरिक कीव छोड़ चुके हैं, हमारे पास जो जानकारी है उसके अनुसार कीव में अब हमारा कोई नागरिक नहीं बचा है. अब कीव से किसी ने भी हमसे संपर्क नहीं किया है. हमने जो पूछताछ की है उससे यह पता चलता है कि हमारा प्रत्येक नागरिक कीव से बाहर आया है. उक्त जानकारी आज रात विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को दी.
हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि जब हमने अपनी पहली एडवाइजरी जारी की थी, उस समय यूक्रेन में अनुमानित रूप से 20,000 भारतीय छात्र थे. अगर उसे ही सही संख्या माना जाये तो लगभग 12,000 लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं, जो यूक्रेन में हमारे नागरिकों की कुल संख्या का 60 प्रतिशत है.
All of our nationals have left Kyiv. The information with us is that we have no more nationals left in Kyiv, nobody has contacted us from Kyiv since. All our inquiries reveal that each and every one of our nationals has come out of Kyiv: Foreign Secretary Harsh Vardhan Shringla pic.twitter.com/W9hARjd6MQ
— ANI (@ANI) March 1, 2022
विदेश सचिव ने कहा कि शेष 40 प्रतिशत भारतीय खारकीव, सूमी क्षेत्र में हैं जो अभी संघर्ष क्षेत्र हैं और उनमें से आधे या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं तक पहुंच चुके हैं या यूक्रेन के पश्चिमी भाग की ओर बढ़ रहे हैं वे आम तौर पर संघर्ष क्षेत्रों से बाहर हैं.
हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि आज दोपहर में मैंने रूस और यूक्रेन के राजदूतों को अलग-अलग बुलाया. मैंने उनसे सभी भारतीय नागरिकों के लिए तत्काल सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने की अपनी मांग को मजबूती से दोहराया है. उन्होंने बताया कि नवीन शेखरप्पा का पार्थिव शरीर विश्वविद्यालय के मुर्दाघर ले जाया गया. आज हमने उनके माता-पिता से बात की है. हम न केवल अपने नागरिकों को जल्द से जल्द संघर्ष क्षेत्र से निकालने का प्रयास कर रहे हैं बल्कि नवीन के शव को भी वापस लाने में जुटे हैं.
विदेश सचिव ने कहा, यूक्रेन में खारकीव, सूमी और अन्य संघर्ष क्षेत्रों की स्थिति को लेकर हम बहुत चिंतित हैं. अगले तीन दिनों में, भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 26 उड़ानें निर्धारित की गई हैं.
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