Monsoon Session: केंद्र सरकार ने 17 जुलाई को बुलाई सर्वदलीय बैठक, मानसून सत्र के एजेंडे पर होगी चर्चा
मानसून सत्र के एक दिन पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में सरकार सत्र के एजेंडे पर सहमति बनाने की सरकार कोशिश करेगी. मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा.
संसद का मानसून सत्र से पहले केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. सरकार ने 17 जुलाई रविवार को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है. सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों के साथ संसद के एजेंडे पर सहमति बनाने की कोशिश करेगी ताकि संसद के दोनों सदनों का कामकाज सुचारू रूप से चल सके.
Govt calls all-party meeting ahead of #MonsoonSession of Parliament, at 11am on 17th July. pic.twitter.com/Ql9KLcaKYq
— ANI (@ANI) July 12, 2022
18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा सत्र
संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई सोमवार से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा. बताते चले कि मानसून सत्र के पहले दिन, यानि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होना है. वहीं, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भी नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई है. उपारष्ट्रपति पद के लिए अगर एक से ज्यादा उम्मिदवार होते है तो इसके लिए चुनाव 6 अगस्त को होगा.
बैठक में पीएम मोदी भी हो सकते है शामिल
सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई मंत्री भी शामिल हो सकते है. एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है. हालांकि उपराष्ट्रपति पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अबतक घोषणा नहीं की है. लेनिक दोनों पदों पर चुनाव और नतीजों का असर मानसून सत्र पर पड़ना तय माना जा रहा है.
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मानसून सत्र के दौरान इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
मानसून सत्र के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत-चीन सीमा गतिरोध, सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए अग्निपथ योजना, बेरोजगारी और रुपये के गिरते मूल्य समेत कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें विपक्ष सत्र के दौरान उठा सकता है. वहीं, बीते दिनों एलएसी पर भारत चीन विवाद को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला था. पार्टी ने एलएससी विवाद को लेकर आरोप लगाया कि पीएम नरेंद्र मोदी अपनी छवि बचाने की है.