जम्मू-कश्मीर : डीडीसी चुनाव में पहले चरण की वोटिंग खत्म, बोले मतदाता- 70 साल बाद न्याय मिला
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में आठ चरणों में हो रहे जिला विकास परिषद के पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया है. पहले चरण में 43 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ. जिनमें 25 कश्मीर में और 18 जम्मू में हैं. सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ जो दो बजे समाप्त हो गया. कुल 1,475 उम्मीदवारों में 296 पहले चरण में चुनाव मैदान में हैं. उनमें 172 कश्मीर घाटी और 124 जम्मू क्षेत्र में हैं. जम्मू कश्मीर में 12,153 पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों में भी चुनाव हो रहे हैं. उनमें 11,814 कश्मीर घाटी में और 339 जम्मू में हैं. पहले चरण में 1644 मतदान केंद्र बनाये गये थे और सात लाख मतदाता हैं. उनमें कश्मीर में 3.72लाख और जम्मू में 3.28 लाख मतदाता हैं.
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में आठ चरणों में हो रहे जिला विकास परिषद के पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया है. पहले चरण में 43 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ. जिनमें 25 कश्मीर में और 18 जम्मू में हैं. सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ जो दो बजे समाप्त हो गया. कुल 1,475 उम्मीदवारों में 296 पहले चरण में चुनाव मैदान में हैं. उनमें 172 कश्मीर घाटी और 124 जम्मू क्षेत्र में हैं. जम्मू कश्मीर में 12,153 पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों में भी चुनाव हो रहे हैं. उनमें 11,814 कश्मीर घाटी में और 339 जम्मू में हैं. पहले चरण में 1644 मतदान केंद्र बनाये गये थे और सात लाख मतदाता हैं. उनमें कश्मीर में 3.72लाख और जम्मू में 3.28 लाख मतदाता हैं.
मतदान केद्रों पर लोगों में भारी उत्साह देखा गया. अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किये जाने के बाद पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी, वाल्मिकी और गुरखा आदि समुदाए के लोग अब जम्मू कश्मीर में स्थानीय चुनाव में वोट डालने, जमीन खरीदने एवं नौकरियों के लिए आवेदन करने के पात्र हो गये हैं. वे चुनाव भी लड़ सकते है. पांच अगस्त 2019 को केंद्र ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और उसे जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. इसके बाद सरकार ने कई कानून लागू किए जिनमें जमीन और नागरिकता से जुड़े कानून भी शामिल हैं.
जम्मू के बाहरी इलाके के अखनूर प्रखंड के कोट घारी में एक मतदान केंद्र के बाहर कतार में खड़ी पश्चिम पाकिस्तान शरणार्थी समुदाय की युवती सुजाती भारती ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘हमने समानता, न्याय एवं आजादी जैसे शब्द सुने हैं और आज हम इन शब्दों के असली मायने महसूस कर रहे हैं.’ भारती ने कहा कि वह स्थायी निवासी के रूप में कतार में मुक्त महसूस कर रही है. उसने कहा कि आखिरकार सात दशक के लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला.
डीडीसी चुनाव को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किये गये हैं. जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा बलों के अलावा केंद्रीय पैरामिलिट्री के 25 हजार जवानों को बुलाया गया है. इसके अलावा 165 अतिरिक्त पुलिस फोर्स कंपनियों को बुलाया गया है.
डीडीसी के चुनाव में मुख्य मुद्दा अनुच्छेद 370 बना हुआ है. अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से प्रदेश में आये बदलाव को लेकर भाजपा मैदान में हैं, वहीं दूसरी ओर अनुच्छेद 370 को पुन: वापस लागू करने को लेकर विपक्षी पार्टियां मैदान में हैं. विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर गुपकर घोषणापत्र भी जारी कर चुकी हैं.
जम्मू-कश्मीर में साल 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त किये जाने से पहले राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली नहीं थी. केंद्र सरकार ने 17 अक्तूबर को जम्मू और कश्मीर पंचायती राज अधिनियम, 1989 में संशोधन को स्वीकृति देने के बाद नया निकाय डीडीसी को जोड़ दिया.
डीडीसी चुनाव के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश की 12 हजार से ज्यादा रिक्त पड़ी पंचायत सीटों के लिए भी मतदान होंगे. वहीं, नगर निकायों की रिक्त 234 वार्डों के लिए भी चुनाव 28 नवंबर को कराये जायेंगे. मतदान की प्रक्रिया खत्म होने के बाद उसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिये जायेंगे.