अमर जवान ज्योति का नेशनल वार मेमोरियल में विलय, कांग्रेस ने बताया राष्ट्रीय त्रासदी
अमर जवान ज्योति का निर्माण 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के लिए एक स्मारक के रूप में किया गया था.
अमर जवान ज्योति का आज नेशनल वार मेमोरियल में विलय कर दिया गया. एक संक्षिप्त समारोह में अमर जवान ज्योति का एक हिस्सा लिया गया और उसे इंडिया गेट से 400 मीटर दूर स्थित नेशनल वार मेमोरिय में जल रही लौ के साथ मिला दिया गया.
रक्षा प्रमुख एयर मार्शल बीआर कृष्णा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की
इस समारोह की अध्यक्षता रक्षा प्रमुख एयर मार्शल बीआर कृष्णा ने की. ज्ञात हो कि अमर जवान ज्योति का निर्माण 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय सैनिकों के लिए एक स्मारक के रूप में किया गया था.
#WATCH | Delhi: Amar Jawan Jyoti flame at India Gate merged with the flame at the National War Memorial. pic.twitter.com/Nd1dnfvWYW
— ANI (@ANI) January 21, 2022
अमर जवान ज्योति का इंदिरा गांधी ने किया था उद्घाटन
उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी, 1972 को इसका उद्घाटन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को नेशनल वाॅर मेमोरियल का उद्घाटन किया था, जहां ग्रेनाइट के पत्थरों पर 25,942 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं.
कांग्रेस ने फैसले को राष्ट्रीय त्रासदी बताया
अमर जवान ज्योति का नेशनल वार मेमोरियल में विलय किये जाने पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी गयी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जायेगा. कुछ लोग देशप्रेम को नहीं समझते हैं, लेकिन हम अपने सैनिकों के लिए ज्योति फिर जलायेंगे. वहीं मनीष तिवारी ने कहा कि अमर जवान ज्योति का अपना एक विशेष स्थान है इसलिए अमर जवान ज्योति की लौ को बुझाकर इसका विलय किया जाना राष्ट्रीय त्रासदी है.
पूर्व एयर वाइस मार्शल ने आदेश वापस लेने की अपील की
पूर्व सैनिकों ने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के विलय मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है. पूर्व एयर वाइस मार्शल मनमोहन बहादुर ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए उनसे इस आदेश को रद्द करने की अपील की है. उन्होंने कहा, श्रीमान, इंडिया गेट पर जल रही लौ भारतीय मानस का हिस्सा है. आप मैं और हमारी पीढ़ी के लोग वहां हमारे वीर जवानों को सलामी देते हुए बड़े हुए हैं.
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने फैसले को उचित बताया
पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने केंद्र के निर्णय पर संतोष व्यक्त किया. दुआ ने कहा, राष्ट्रीय समर स्मारक के डिजाइन चयन और निर्माण में भूमिका निभाने वाले व्यक्ति के रूप में मेरा विचार है कि इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध के शहीद नायकों का स्मारक है. उन्होंने कहा कि अमर जवान ज्योति को 1972 में स्थापित किया गया था क्योंकि हमारे पास कोई और स्मारक नहीं था. उन्होंने कहा कि नेशनल वार मेमोरियल देश की आजादी के बाद युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है और सभी श्रद्धांजलि समारोहों को पहले ही नय स्मारक में स्थानांतरित किया जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन किया था, जहां ग्रेनाइट के पत्थरों पर 25,942 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में अंकित हैं.