Amar Singh Death, Amar Singh Amitabh Bachchan Friendship, Jaya Bachchan, Samajwadi Party: समाजवादी पार्टी (एसपी) के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह का बीमारी के चलते निधन हो गया है. गंभीर बीमारी के चलते अमर सिंह का बीते 6 महीने से सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. जिसके बाद 64 वर्ष की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. अमर सिंह की गिनती एक समय पर उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेताओं में होती थी. अमर सिंह समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव के भी काफी करीब थे.
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे अमर सिंह पिछले कई महीनों से सिंगापुर में इलाजरत थे. उन्होंने हाल के दिनों में किडनी ट्रांसप्लांट कराया था. उनके निधन के साथ ही सोशल मीडिया पर उनका आखिरी वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन से माफी मांगते हुए दिखाई दे रहे हैं.
जब अमर सिंह ने मांगी थी अमिताभ बच्चन से माफी
इस वीडियो में अमर सिंह ने कहा था आज मेरे पिता जी की पुण्यतिथि है और बच्चन जी की तरफ से इसके लिए मुझे संदेश आया. मैं ऐसी अवस्था में हूं, जहां जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा हूं. मैंने अमित जी और उनके परिवार के प्रति जो भी शब्द कहे थे, उसके लिए पश्चाताप व्यक्त करता हूं. ईश्वर उन सभी को अच्छा रखे. उन्होंने कहा था, आज के दिन मेरे पिता का निधन हुआ और उनकी पुण्यतिथि पर पिछले एक दशक से बच्चन जी मेरे पिता जी को श्रद्धा संदेश भेजते हैं.
‘हमारा और उनका साथ छूट-सा गया’
पिछले 10 वर्षों से मैं बच्चन परिवार से न केवल अलग रहा, बल्कि मैंने ये भी प्रयत्न किये कि उनके दिल में मेरे लिए नफरत हो. मगर आज फिर अमिताभ बच्चन जी ने मेरे पिता का सुमिरन किया तो मुझे ऐसा लगा कि इसी सिंगापुर में गुर्दे की बीमारी के लिए मैं और अमित जी दो महीने तक साथ रहे और उसके बाद हमारा और उनका साथ छूट-सा गया.
घनिष्ठ मित्रता की जगह तल्खी ने ले ली थी
दस वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी निरंतरता में कोई बाधा नहीं आयी. वह लगातार अनेक अवसरों पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे. बताते चलें कि सिंह और बच्चन और दोनों परिवारों के बीच घनिष्ठ मित्रता थी, लेकिन बाद में दोनों के संबंधों के बीच बहुत अधिक तल्खी आ गई थी. लेकिन एक समय अमिताभ के घनिष्ठ मित्र रहे अमर सिंह को इस तरह सार्वजनिक माफी मांगने की जरूरत क्यों पड़ गई थी? दोनों की दोस्ती शुरू होने और फिर रिश्तों में दरार पड़ने की कहानी बेहद दिलचस्प है.
ऐसे शुरू हुई अमर और अमिताभ की दोस्ती
90 के दशक में अमिताभ बच्चन अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे थे. एक के बाद एक लगातार फ्लॉप फिल्मों और अपनी कंपनी एबीसीएल के डूबने के चलते उन्हें लगातार आयकर विभाग के नोटिस मिल रहे थे. उस वक्त महज 4 करोड़ रुपये न चुका पाने के चलते उनके बंगले के बिकने और उनके दिवालिया होने की नौबत तक आ गई थी. तब अमर सिंह ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया और अमिताभ बच्चन को कर्जे से उबारा. फिर यह दोस्ती लंबी चली और बॉलीवुड से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में चर्चा का विषय रही.
जया के लिए दिग्गजों से राजनीतिक दुश्मनी मोल ली
जया बच्चन समाजवादी पार्टी की चार बार की राज्यसभा सांसद हैं. उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय अमर सिंह को ही दिया जाता है. कहा यह भी जाता है कि उस वक्त अमिताभ ने जया बच्चन के राजनीति में जाने का विरोध भी किया था, मगर अमर सिंह ने उन्हें राजी कर लिया. अमर सिंह ने जया बच्चन के लिए कई दिग्गजों से राजनीतिक दुश्मनी मोल ली. ऑफिस ऑफ प्रॉफिट वाले मामले में जब जया बच्चन को इस्तीफा देना पड़ा, तब अमर सिंह ने सोनिया गांधी के नेशनल एडवाइजरी काउंसिल की सदस्यता के मुद्दे को उछाला, जिसके चलते सोनिया गांधी को भी इस्तीफा देना पड़ा.
दोस्ती में यहां से पड़ने लगी दरार
2010 में जब अमर सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते समाजवादी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया, उस वक्त उन्होंने जया बच्चन से भी पार्टी छोड़ने के लिए कहा. हालांकि जया बच्चन अपना राजनीतिक करियर दांव पर लगाने को राजी नहीं हुईं. कहा जाता है कि यहीं से बच्चन परिवार और अमर सिंह के रिश्तों के बीच दरार पड़नी शुरू हो गई.
जहरीले बयानों ने आग में डाला घी
अमर सिंह और अमिताभ बच्चन के बीच दूरी बढ़ाने में बड़ी भूमिका अमर सिंह के विवादित बयानों की भी रही. 2017 में अमर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा, मैं अमिताभ बच्चन से जब मिला था, उससे काफी पहले से जया बच्चन और अमिताभ अलग-अलग रह रहे थे. एक प्रतीक्षा में रहता, तो दूसरा अन्य बंगले जनक में रह रहा था. ऐश्वर्या राय बच्चन और जया बच्चन के बीच भी काफी मतभेद की खबरें हैं, हालांकि इसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं. अमर सिंह ने यह भी कहा था कि अमिताभ ही थे जिन्होंने मुझे जया बच्चन को राजनीति में लाने को लेकर आगाह किया था.