अमर सिंह ने RSS से जुड़ी इस संस्था को कुछ साल पहले ही दान कर दी थी करोड़ों की संपत्ति

वर्ष 1990 के दशक में समाजवादी पार्टी के पूर्व कद्दावर नेता अमर सिंह आज भले ही इस संसार में नहीं हैं. शनिवार को सिंगापुर के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया. वे लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. लेकिन, अपने जीवन के आखिरी वक्त से कुछ साल पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था सेवा भारती संस्थान को अपने पैतृक भूमि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित अपनी करोड़ों की पैतृक संपत्ति दान कर दिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2020 10:14 PM

नयी दिल्ली : वर्ष 1990 के दशक में समाजवादी पार्टी के पूर्व कद्दावर नेता अमर सिंह आज भले ही इस संसार में नहीं हैं. शनिवार को सिंगापुर के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया. वे लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. लेकिन, अपने जीवन के आखिरी वक्त से कुछ साल पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी संस्था सेवा भारती संस्थान को अपने पैतृक भूमि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित अपनी करोड़ों की पैतृक संपत्ति दान कर दिया था.

दरअसल, अमर सिंह ने अपनी करोड़ों की पैतृक संपत्ति आरआरएस से जुड़ी संस्था सेवा भारत को अपने पिता की याद में दान कर दिया था. जब से उनके पिता की मौत हुई थी, उसके बाद से ही उनका वह पैतृक संपत्ति वीरान पड़ा रहता था. अमर सिंह की ओर से दान की गयी संपत्ति की कीमत करीब 15 करोड़ रुपये बतायी जा रही है.

खुद अमर सिंह ने वर्ष 2018 में इस बात की पुष्टि करते हुए कहा था कि संघ एक बड़ी संस्था है. उसे कुछ दान देना बहुत छोटी बात होगी. मेरे स्वर्गीय पिता की याद में मेरी संपत्ति को देकर मैंने समाज की सेवा के प्रयासों में योगदान करने की कोशिश की है.

अमर सिंह के इस कदम को कुछ लोगों ने कहा था कि वह इस कदम से भाजपा में शामिल होना चाहते हैं. उनको नजदीक से जानने वाले लोगों के अनुसार, अमर सिंह की पूरा राजनीतिक जीवन भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के खिलाफ रहा है. वे ‘प्रारब्ध’ पर यकीन करते थे. सार्वजनिक जीवन में हमेशा वे यही कहा करते थे कि ये फलां का ‘प्रारब्ध’ है और प्रारब्ध किसी को पता नहीं होता.

गौरतलब है कि अमर सिंह का जन्म आजमगढ़ में हुआ था. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के शासनकाल और मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने आजमगढ़ के विकास की खातिर कई काम किए, लेकिन, 2010 में पार्टी से निष्कासित किए जाने बाद उन्होंने पूर्वांचल राज्य का दर्जा दिलाने को लेकर राष्ट्रीय लोक मंच नाम की एक पार्टी का गठन भी किया. इस पार्टी के बैनर तले से उन्होंने जनांदोलन छेड़ने का प्रयास भी किया, लेकिन इसमें उन्होंने सफलता हासिल नहीं की.

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे अमर सिंह आज नहीं हैं. वे बीमार थे. लंबे समय से बीमार थे. कुछ महीने पहले अमर सिंह ने एक वीडियो ट्वीट कर कहा था कि ‘टाइगर जिंदा है’. अमर सिंह ने तब कहा था कि वो जिंदा हैं और बीमारी से जूझ रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया था कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग कैसे उनकी मौत की झूठी खबर सोशल मीडिया पर फैला रहे हैं.

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Posted By : Vishwat Sen

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