नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो अमर्त्य सेन के निधन कीसूचना इस वर्ष अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार पाने वाली अर्थशास्त्री क्लाउडिया गोल्डिन के फेक सोशल मीडिया के जरिए दी गई. यह एक फेक खबर थी जिसका उद्देश्य अफवाह फैलाना था. अर्थशास्त्री क्लाउडिया गोल्डिन के फेक आईडी से एक्स पर पोस्ट किया गया-एक दुखद खबर. मेरे सबसे प्रिय प्रोफेसर अमर्त्य सेन का कुछ मिनट पहले निधन हो गया है. मेरे पास कोई शब्द नहीं हैं… प्रो अमर्त्य सेन को 1998 में अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला है. हालांकि उनकी बेटी नंदना देव सेन ने अपने पिता के निधन की खबर को गलत बताया, जिसके बाद यह खुलासा हुआ कि यह सूचना एक अफवाह थी.
Deleting tweet on Amartya Sen based on a post from an unverified account in the name of Claudia Goldin. Actor Nandana Dev Sen denies news of death of her father, Nobel prize winner Amartya Sen.
— Press Trust of India (@PTI_News) October 10, 2023
https://twitter.com/profCGoldin/status/1711701739861057965
अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का जन्म बंगाल के शांति निकेतन में 1933 में हुआ है. अमर्त्य सेन की नानी के संबंध गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के साथ बहुत अच्छे थे, इसलिए उन्होंने ही अमर्त्य सेन को यह नाम दिया था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा संत जाॅर्ज स्कूल ढाका में हुई थी. उनके पिता आशुतोष सेन ढाका विश्वविद्यालय में केमेस्ट्री के प्रोफेसर थे. बंगाली परिवार में जन्मे अमर्त्य सेन का पूरा परिवार काफी शिक्षित और प्रगतिशील था. अमर्त्य सेन ने अपने करियर की शुरुआत जाधवपुर यूनिवर्सिटी से की थी. वे वहां इकोनाॅमिक्स के प्रोफेसर थे. सेन ने गरीबी मापने के तरीके तैयार किए जिससे गरीबों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए उपयोगी जानकारी मिली. उन्हें भारत सरकार ने सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया है.
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