नयी दिल्ली : चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच एक अमेरिकी एयरक्राफ्ट में अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट पर ईंधन भरा गया. यह पी-आठ (P-Eight Poseidon plane) एयरक्राफ्ट कई हथियारों से लैस था. इसमें दुश्मन के पनडुब्बियों और युद्धपोतों से निपटने के लिए मिसाइल और रॉकेट मौजूद थे साथ यह अत्याधुनिक राडार से भी युक्त था. सूत्रों ने बताया कि यह विमान 25 सितंबर को पोर्ट ब्लेयर में कई घंटों तक रुका था.
चीन के साथ टकराव के बीच ही जुलाई में भारत और अमेरिका की नौसेना ने अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के तट पर युद्धाभ्यास किया था. वहीं हिंद महासागर में भी दोनों देशों की सेनाओं ने युद्धाभ्यास किया था और भारत की आईएनएस तलवार ने उस समय अमेरिकी टैंकर से फ्यूल भी लिया था.
यह वही विमान है जो अमेरिका भारत को सौंपने वाला है. भारतीय नौसेना के बेड़े में पहले से आठ पी-8 विमान शामिल हैं. लेकिन अमेरिका से मिलने वाले नये विमान में कई सुधार किये गये हैं. अमेरिकी गश्ती विमान का अंडमान और निकोबार में उतरना चीन को खटक सकता है. पोर्ट ब्लेयर भारत के लिए सामरिक महत्व भी रखता है. चीन के साथ टकराव की स्थिति में पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट फाइटर जेट के उड़ान भरने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
हिंद महासागर और अरब सागर में चीनी युद्धपोतों और पनडुब्बियों की बढ़ती घुसपैठ को रोकने के लिए अमेरिका नये बोइंग P-8i निगरानी विमानों का जत्था भारत जल्द ही देने वाला है. इन नये P-8i विमानों को कई नयी तकनीकों और हथियारों से लैस किया गया है. इन विमानों को भारत के पश्चिमी तट पर गोवा में हंसा नेवल बेस पर तैनात किया जायेगा.
भारत के पास पहले से ही 8 पी-8 आई विमान मौजूद हैं जिन्हें तमिलनाडु के अरक्कोनम में तैनात किया गया है. अत्याधुनिक रेडार से लैस ये विमान जरूरत पड़ने पर चीनी सीमा पर लद्दाख और पूर्वोत्तर में भी भेजे जाते हैं. इन विमानों को सबमरीन का शिकार करने के लिए मार्क-54 तारपीडो, मार्क-84 डेप्थ चार्ज और घातक बमों से लैस किया गया है. इसके अलावा इस विमान में एजीएम-84 हार्पून एंटी शिप मिसाइलें भी लगाई गई हैं. पी-8 आई को कैरियर बैटल ग्रुप की सुरक्षा के लिए भी तैनात किया जा सकता है.
Posted By: Amlesh Nandan.