विवादास्पद दावों के बीच केंद्र सरकार ने कहा, नहीं पता, क्यों होता है देसी गाय के दूध में पीलापन?

central government, Rashtriya Kamdhenu Aayog, Desi cow : नयी दिल्ली : देसी गाय और विदेशी नस्लों के गाय के दूध की गुणवत्ता के बीच अंतर के बारे में सरकार के पास निर्णायक जानकारी नहीं है. लोकसभा में 9 मार्च को एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव बाल्यान ने बताया है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मुताबिक जानकारी उपलब्ध नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2021 8:45 AM

नयी दिल्ली : देसी गाय और विदेशी नस्लों के गाय के दूध की गुणवत्ता के बीच अंतर के बारे में सरकार के पास निर्णायक जानकारी नहीं है. लोकसभा में 9 मार्च को एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव बाल्यान ने बताया है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के मुताबिक जानकारी उपलब्ध नहीं है.

मालूम हो कि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने पाठ्यक्रम में विवादास्पद दावा करते हुए कहा है कि देसी गाय के दूध की गुणवत्ता सबसे अच्छी होती है. इसमें कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता है.

साथ ही पाठ्यक्रम में कहा गया है कि वहीं, विदेशी नस्लों की गायों का दूध अच्छा नहीं है. इसमें कैसोमोर्फिन नामक जहरीला रसायन होता है. राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने 25 फरवरी को कामधेनु गौ-विज्ञान प्रचार-प्रसार परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की थी.

हालांकि, वैकल्पिक तारीख की घोषणा करते हुए परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था. कामधेनु गौ विज्ञान प्रचार प्रसार परीक्षा ऑनलाइन ली जानी थी. एक घंटे की इस परीक्षा में 100 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाने की बात कही गयी थी.

राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने पाठ्यक्रम में दावा करते हुए कहा है कि देसी गाय के दूध में स्वर्ण तत्व होते हैं, जो विदेशी नस्लों की गायों में नहीं होते. इसीलिए देसी गाय के दूध में पीलापन होता है.

देसी गाय के दूध के सेवन से मोटापा, जोड़ों के दर्द, अस्थमा, मानसिक बीमारी में लाभ होता है. वहीं, विदेशी नस्लों की गायों का दूध मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग और अस्थमा का कारण बन सकता है.

मालूम हो कि साल 2019 में गायों के संरक्षण और विकास को लेकर राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन किया गया था. यह आयोग मत्स्य, पशुपालन और डेयरी के तहत भी कार्य करता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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