किसान आंदोलन के बीच अडाणी ग्रुप का बयान, हम किसानों से नहीं खरीदते अनाज, ठेका खेती में निवेश का इरादा नहीं
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन (Kisan Andolan) के बीच अडाणी समूह (Adani Group) की कंपनी अडाणी एग्री लाजिस्टिक्स ने स्पष्ट किया है कि कंपनी न तो किसानों से सीधे अनाज खरीदती है, न ही कंपनी ठेका खेती (Contract Farming) का काम करती है और न ही भविष्य में कंपनी का ऐसा करने का कोई इरादा है. कंपनी ने एक बयान में विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह किसानों से कोई अनाज नहीं खरीदती बल्कि वह अनाज के भंडारण की सेवाएं देती है.
नयी दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन नये कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन (Kisan Andolan) के बीच अडाणी समूह (Adani Group) की कंपनी अडाणी एग्री लाजिस्टिक्स ने स्पष्ट किया है कि कंपनी न तो किसानों से सीधे अनाज खरीदती है, न ही कंपनी ठेका खेती (Contract Farming) का काम करती है और न ही भविष्य में कंपनी का ऐसा करने का कोई इरादा है. कंपनी ने एक बयान में विभिन्न मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह किसानों से कोई अनाज नहीं खरीदती बल्कि वह अनाज के भंडारण की सेवाएं देती है.
बता दें कि विपक्ष कृषि कानूनों का विरोध करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर पूंजीपतियों को मदद पहुंचाने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस ने कई मौकों पर कहा है कि मोदी सरकार अडाणी और अंबानी को लाभ पहुंचाने के लिए कृषि कानूनों में लेकर आयी है. इसके बाद आज पहली बार अडाणी की ओर से यह बयान आया है. विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया है कि इन उद्योगपतियों को पहले से ही जानकारी थी कि सरकार कृषि कानून लाने वाली है इसलिए उन्होंने कृषि क्षेत्र में कारोबार शुरू कर दिया.
कंपनी ने कहा कि उसने अनाज भंडारण के लिए जो गोदाम (साइलो) बनाये हैं, वह परियोजना उसने 2005 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की निविदा के तहत प्रतिस्पर्धी बोली लगाकर हासिल की थी. वर्ष 2005 में केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार थी. एक सवाल के जवाब में कंपनी के उपाध्यक्ष पुनीत मेंहदीरत्ता ने कहा कि कंपनी कोई ठेका खेती का काम नहीं करती है और न ही भविष्य में कंपनी का ऐसा कोई इरादा है. यह भी गलत आरोप लगाया जा रहा है कि कंपनी ठेका खेती के लिए पंजाब और हरियाणा में जमीन का अधिग्रहण कर रही है.
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उन्होंने कहा कि अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स मात्र अनाज के भंडारण एवं परिवहन का काम करती है, किसानों से सीधे अनाज खरीदने का काम नहीं करती है. भारत में कम से कम एक दर्जन ऐसी कंपनियां हैं जो अनाज के भंडारण या परिवहन का काम करती हैं. अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स उन एक दर्जन कंपनियों में से एक है. उन्होंने कहा कि हमारा काम सिर्फ आधुनिक और विश्वस्तरीय भंडारण एवं परिवहन संबंधी ढांचागत सुविधाएं तैयार करना और उसे चलाना है. इस काम के लिए हमें तयशुदा शुल्क के रूप में राशि मिलती है.
बता दें कि कंपनी के पंजाब के मोगा में स्थित कृषि गोदाम के बाहर हाल में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया है. गोदामों और अन्य ढांचागत सुविधा के बारे में मेंहदीरत्ता ने कहा कि कंपनी कृषि बुनियादी यादी ढांचा क्षेत्र में पिछले कई साल से काम कर रही है. अदाणी एग्री लॉजिस्टिक्स देश की पहली एकीकृत भंडारण और परिवहन परियोजना है. इसके लिए निविदा की प्रक्रिया सरकार ने 2005 में पूरी की थी. इसके तहत कंपनी ने विभिन्न राज्यों में सात जगहों पर अनाज भंडारण के लिए गोदाम और रेलवे तक अनाज पहुंचाने के लिए जरूरी ढांचागत सुविधा (रेलवे साइडिंग्स) तैयार की है.
Posted By: Amlesh Nandan.