देहरादून: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. इस बीच, सर्वाधिक प्रभावित कुमाऊं क्षेत्र में संपर्क बहाल करने और संवेदनशील इलाकों से लोगों को बाहर निकालने के प्रयासों के बीच राहत एव बचाव कार्य जारी है.
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री धन सिंह रावत के साथ शाह यहां जीटीसी हेलीपैड से हेलीकॉप्टर से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण के लिए रवाना हुआ.
मंगलवार से प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से कहा था कि राज्य में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों के नेटवर्क को बहाल करना तथा फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना इस समय प्राथमिकता है.
इसी बीच, राज्य आपदा अभियान केंद्र ने ताजा रिपोर्ट में बताया कि राज्य में लगातार बारिश ने बहुत तबाही मचायी है. यहां बारिश संबंधी घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 54 हो गयी. नैनीताल में सबसे ज्यादा 28 लोगों की मौत हुई.
जिला अधिकारी धीरज गर्बियाल ने बताया कि नैनीताल जिले में सबसे ज्यादा 28 लोगों की मौत हुई है. भारी बारिश और नैनी झील के उफनने की वजह से नैनीताल के धोबी घाट इलाके के आसपास भूस्खलन की घटनाएं हुईं. यह क्षेत्र नैनीताल के ठीक आधार पर स्थित है और इसे शहर की बुनियाद माना जाता है. धोबी घाट में रहने वाले लगभग 100 परिवारों को स्थानांतरित कर दिया गया.
गर्बियाल ने बताया कि कई स्थानों पर राहत शिविर तैयार किये गये हैं. उन्होंने बताया कि रामनगर में 25 लोगों को हवाई मार्ग से निकाला गया, जबकि छह को राफ्ट की मदद से निकाला गया. सुंदरखाल और रामनगर के 30 परिवारों हवाई मार्ग से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. बाढ़ प्रभावित पुचड़ी इलाके में राहत शिविर बनाये गये हैं.
पुचड़ी नयी बस्ती में रहने वाले 10 परिवारों के 54 लोगों को राजकीय बालिका प्राथमिक विद्यालय में बनाये गये राहत शिविर में ठहराया गया है. उन्होंने बताया कि 150 लोगों को रोडवेज बसों में सुरक्षित रामनगर लाया गया और उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया, जबकि लालकुआं में बाढ़ से प्रभावित 97 परिवारों को एक गुरुद्वारे और राहत शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया. उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से अस्थायी तौर पर रोकी गयी चारधाम यात्रा भी बहाल हो गयी.
एजेंसी इनपुट के साथ
Posted By: Mithilesh Jha