केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. अमित शाह यहां भारत चीन की सीमा से लगे एक गांव किबितू का दौरा कर रहे हैं. यहीं नहीं शाह इस गांव किबितू में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम भी लॉन्च कर रहे हैं. गृह मंत्रालय के मुताबिक शाह किबितू गांव में स्वर्ण जयंती सीमा प्रकाश कार्यक्रम के तहत निर्मित राज्य सरकार की नौ सूक्ष्म पनबिजली परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 इलाकों का नाम बदलकर उन इलाकों में अपना दावा जता रहा है. ऐसे में शाह के दौरे से चीन को झटका लगा है.
चीन ने शाह के दौरे पर जताई आपत्ति: दरअसल, अमित शाह के दौरे पर चीन ने अपनी आपत्ति दर्ज की है. चीन ने अरुणाचल को अपना हिस्सा बताते हुए कहा है कि गृह मंत्री के इस कदम से इलाके की शांति भंग हो सकती है. ड्रैगन ने कहा है कि यह संप्रभुता का भी उल्लंघन है. गौरतलब है कि चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत हमेशा के भारत के कई इलाकों पर अपना दावा पेश करता आया है. इसी कड़ी में वो अरुणाचल प्रदेश पर भी अपना दावा करता आया है.
चीन को तमाचा: चीन एलएसी को कभी मानता ही नहीं, वो भारत के कई इलाकों पर अपना दावा करता है. अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों पर कब्जा करना चाहता है. लेकिन अब केन्द्र सरकार की पहल और अमित शाह ने दौरे से चीन को तमाचा पड़ा है क्योंकि, वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम के तहत कई इलाकों में कनेक्टिविटी हो जाएगी. इससे सीमांत इलाके तो आपस में जुड़ेंगे ही, इसके कार्यक्रम के जरिये चीन की सीमा से लगने वाले अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख को जोड़ा जाएगा.
वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम के तहत 2023 से लेकर 2026 के बीच इन सीमांत गांवों में विकास के लिए 4800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. सबसे खास की 2500 करोड़ रुपये सड़क परियोजनाओं पर खर्च किए जाएंगे, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी. बता दें, विकास के लिए अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के 19 जिलों के 46 ब्लॉक में 2967 गांव की पहचान की गई है.
भाषा इनपुट के साथ