Amit Shah Debate: अमित शाह ने कांग्रेस से पूछा- मुस्लिम पर्सनल लॉ शरिया के मुताबिक तो फिर क्रिमिनल लॉ क्यों नहीं?
Amit Shah Debate: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. शाह ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया.
Amit Shah Debate: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, यूसीसी (समान नागरिक संहिता) इसलिए नहीं लाया गया क्योंकि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू संवैधानिक बहस के समापन के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ लेकर आए थे. मैं कांग्रेस पार्टी से पूछता हूं कि उसे यह स्पष्ट करना चाहिए कि सभी धर्मों के लिए एक कानून होना चाहिए या नहीं. क्या आप मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करते हैं? अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, “इससे बड़ा छलावा नहीं हो सकता, इन्होंने हिंदू कोड बिल भी लाया. मैं नहीं चाहता कि हिंदू न्याय शास्त्र के आधार पर कानून बने. लेकिन हिंदू कोड में देखा जाए, तो पुराने हिंदू न्याय व्यवस्था का एक भी जिक्र नहीं है. हिंदुओं को बुरा न लगे, इसलिए सामान्य कानून को हिंदू कोड बना दिया.”
आप तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर नहीं उठ सकते
अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने मुस्लिम पर्सनल लॉ लाने के बाद तुष्टिकरण की राजनीति शुरू की. आप यूसीसी नहीं ला सकते क्योंकि आप तुष्टिकरण की राजनीति से ऊपर नहीं उठ सकते. उत्तराखंड में हमारी (भाजपा) सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू की है.”
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मुसलमानों को 50% आरक्षण देना चाहती है कांग्रेस
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने धर्म आधारित आरक्षण पर हमला करते हुए कहा, “कांग्रेस झूठ बोलना शुरू किया कि वे आरक्षण को 50% तक बढ़ा देंगे. दो राज्य ऐसे हैं जहां धर्म के आधार पर आरक्षण है. यह असंवैधानिक है. वे ओबीसी को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं. वे सीमा को 50% तक बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं. हम उस धर्म-आधारित आरक्षण को लागू नहीं होने देंगे.”
कांग्रेस कहती थी अनुच्छेद 370 हटा तो जम्मू-कश्मीर में बहेंगी खून की नदियां
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “जब 2019 में नरेंद्र मोदी दोबारा देश के पीएम बने तो हमने संसद में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निरस्त कर दिया। राज्यसभा में वे (कांग्रेस) कहते थे कि जम्मू-कश्मीर में खून की नदियां बहेंगी, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि पत्थर भी फेंके. (अनुच्छेद 370 हटने के बाद) पहली बार 35,000 पंचायत सदस्य चुने गए. आजादी के बाद जम्मू-कश्मीर में दो लाख से ज्यादा पर्यटक आए, आतंकवादी गतिविधियों में 92 फीसदी कमी आई, पहाड़ी, गुज्जर और बकरवाल समुदाय के लोगों को आरक्षण मिला, लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहा है, चिनाब नदी पर सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज बन रहा है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद आपकी (कांग्रेस) तुष्टिकरण की राजनीति की दुकान बंद हो गई.”