डीपफेक वीडियोः अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में कांग्रेस नेता अरुण रेड्डी गिरफ्तार
डीपफेक वीडियोः अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की है. दिल्ली पुलिस ने आरोपी अरुण रेड्डी की गिरफ्तार किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को रेड्डी को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
डीपफेक वीडियोः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक फर्जी वीडियो को कथित रूप से सोशल मीडिया पर साझा करने और इसे प्रसारित करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को कांग्रेस के एक सदस्य अरुण रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया कि अरुण रेड्डी सोशल मीडिया मंच एक्स पर स्पिरिट ऑफ कांग्रेस नाम के अकाउंट संभालता है.
दिल्ली पुलिस ने अमित शाह के फर्जी वीडियो को लेकर इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की शिकायत पर रविवार को प्राथमिकी दर्ज की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आई4सी की शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में शाह के बयान को गलत तरीके से दिखाया गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक आरोपी अरुण रेड्डी का रोल वीडियो बनाने और उसे वायरल करने का है.
कल कोर्ट में पेश होंगे अरुण रेड्डी
दिल्ली पुलिस ने आरोपी अरुण रेड्डी की गिरफ्तार किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को रेड्डी को कोर्ट में पेश किया जाएगा. कोर्ट में दिल्ली पुलिस आरुण रेड्डी के खिलाफ सबूत पेश करेगी. सूत्रों का कहना है कि मामले में और अधिक जानकारी और छानबीन के लिए दिल्ली पुलिस अरुण रेड्डी की कस्टडी भी मांग सकते है.
झारखंड कांग्रेस के एक्स हैंडल पर रोक
गौरतलब है कि इससे पहले झारखंड कांग्रेस के सोशल मीडिया ‘एक्स’ हैंडल पर कार्रवाई की गयी. एक्स ने झारखंड कांग्रेस के हैंडल पर भारत में रोक लगा दी है. एएनआई के मुताबिक एक कानूनी मांग के जवाब में भारत में एक्स द्वारा झारखंड कांग्रेस का हैंडल रोक दिया गया. इस हैंडल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का एक ‘डीपफेक मॉर्फ्ड वीडियो’ पोस्ट किया गया था.
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की शिकायत पर प्राथमिकी
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में ‘इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ की शिकायत पर रविवार को प्राथमिकी दर्ज की थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले आई4सी की शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में अमित शाह का बयान धार्मिक आधार पर मुस्लिमों का कोटा खत्म करने की प्रतिबद्धता की तरफ इशारा करता है. जबकि इस वीडियो में छेड़छाड़ करके वायरल किये गये फर्जी वीडियो को देखकर लगता है कि अमित शाह सभी तरह का आरक्षण खत्म करने की वकालत कर रहे थे. भाषा इनपुट से साभार