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57 साल के बाद ग्वालियर में आखिर कांग्रेस ने ऐसा क्या किया कि बीजेपी हो गयी अलर्ट! जानें यहां

बीजेपी विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों और महासचिवों को ग्वालियर पहुंचने के लिए कहा गया है. करीब 1,500 पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया गया है. जानें अमित शाह के दौरे की खास बातें

By Amitabh Kumar | August 19, 2023 5:14 PM
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मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर बीजेपी तैयारी में जुट गयी है. इस क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को मध्य प्रदेश सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे. इसके बाद शाह नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के क्षेत्र ग्वालियर में बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

कार्यक्रम में अनुसार बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह रविवार सुबह राजधानी भोपाल पहुंचेंगे और शिवराज सिंह चौहान सरकार का ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी करेंगे. शाह के दौरे को लेकर मध्य प्रदेश भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने बताया कि इसके बाद शाह भोपाल से ग्वालियर के लिए रवाना होंगे जहां वह कार्य समिति की बैठक को संबोधित करेंगे.

सूत्रों ने हवाले से जो मीडिया में खबर चल रही है, उसके अनुसार बीजेपी विधायकों, सांसदों, जिला अध्यक्षों और महासचिवों को ग्वालियर पहुंचने के लिए कहा गया है. करीब 1,500 पदाधिकारियों को बैठक में बुलाया गया है और उम्मीद है कि बैठक में आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी अपनी अंतिम योजना पेश करती नजर आएगी. चुनाव से पहले यह प्रदेश कार्यसमिति की आखिरी बैठक होगी. राज्य में इस वर्ष के अंत में चुनाव होने हैं.

बीजेपी ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने की कर रही है कोशिश

राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो, बीजेपी ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश कर रही है. ग्वालियर में पिछले वर्ष 57 साल बाद महापौर का चुनाव कांग्रेस से हारने के बाद बीजेपी इस इलाके में अपना आधार बढ़ाना चाहती है. एक महीने से भी कम समय में शाह का मध्य प्रदेश का यह दूसरा दौरा होने जा रहा है जिससे प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. इसके पहले 30 जुलाई को शाह ने इंदौर का दौरा किया था, जहां उन्होंने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से बात की थी.

ग्वालियर में बीजेपी क्यों नहीं लेना चाहती है जोखिम

आपको बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र की 34 में से 26 सीट जीतीं, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे और जनता से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे थे. सिंधिया के अपने करीबियों के साथ बीजेपी में चले जाने के बाद, नवंबर 2020 में ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में हुए उपचुनावों में कांग्रेस 19 में से सिर्फ सात सीट जीत सकी थी. एक राजनीतिक पर्यवेक्षक ने कहा कि पिछले साल ग्वालियर में महापौर के चुनाव में झटका लगने के बाद अब बीजेपी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती.

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कांग्रेस हुई हमलावर

यहां चर्चा कर दें कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले कांग्रेस सत्तारूढ़ दल बीजेपी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. कांग्रेस अपने कोर वोटर यानी आदिवासी वोट बैंक पर खास फोकस कर रही है. पिछले चुनाव में कांग्रेस पंद्रह साल बाद सत्ता पर काबिज हुई थी. हालांकि इसके बाद मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिंया ने कांग्रेस से बगावत कर दी जिससे कमलनाथ सरकार गिर गयी और शिवराज सिंह चौहान ने फिर प्रदेश की कमान संभाली.

कांग्रेस कर रही है ग्वालियर पर फोकस

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी रैली की संबोधित कर चुकीं हैं. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधाते हुए कहा था कि प्रदेश में परिवर्तन की व्यापक लहर है और कांग्रेस की सरकार बनने पर लोगों को पांच गारंटी मिलेंगी. प्रियंका ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर मध्यप्रदेश के लोगों के लिए पार्टी की पांच गारंटी दोहराईं, इसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली भी शामिल है. आपको बता दें कि पिछले 40 दिनों में प्रियंका गांधी का मध्य प्रदेश का यह दूसरा दौरा पिछले महीने हुआ था. केंद्रीय मंत्री और पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के गृह क्षेत्र ग्वालियर में ‘जन आक्रोश’ रैली के दौरान कांग्रेस महासचिव ने उक्त बातें कही थी.

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प्रियंका गांधी के बयान के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान सामने आया था. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि जो भी लोग ग्वालियर में आते हैं. उनका स्वागत है. उन्होंने प्रियंका गांधी को लेकर कहा कि शायद वो पहली बार यहां आईं हैं. उनका स्वागत सत्कार…लेकिन मंच पर जो दूसरे लोग थे वो मेहमान की तरह आये और चले गये. उन्हें ग्वालियर का विकास नहीं दिखा. सीएम शिवराज और पीएम मोदी की सरकार विकास पर केंद्रित हैं. बदलता हुआ ग्वालियर का गवाह हर कोई है. कोरोना काल में भी हमने यहां काम किये.

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