Interpol General Assembly 2022: इंटरपोल महासभा के 90 वें सत्र के समापन दिवस पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह आतंकवाद पर जमकर बरसे. उन्होंने आतंकवाद को मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से आतंकवादी विचारधारा के सीमापार प्रसार को राजनीतिक समस्या नहीं माना जा सकता. शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को आतंकवाद की एक समान परिभाषा तय करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ तब तक खड़े नहीं हो सकते जब तक अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद, छोटे आतंकवाद और बड़े आतंकवाद की बात होती रहेगी.
इंटरपोल को आना होगा एक साथ: अमित शाह ने कहा कि आतंकवादी किसी सीमा को नहीं मानते ऐसे में आतंकवाद से निपटने के लिए इंटरपोल को भी एक साथ होना होगा. शाह ने कहा कि इंटरपोल के सभी सदस्य देशों को आतंकवाद के खिलाफ लंबी, विस्तृत और स्थायी लड़ाई लड़नी होगी. अमित शाह ने यह भी कहा कि इंटरपोल सीमापार के आतंकवाद को हराने के लिए सबसे अच्छा मंच है. आतंकवाद से लड़ने के लिए दुनिया की सभी आतंकवाद रोधी एजेंसियों को एक साथ लाना होगा.
कट्टरपंथ राजनीतिक मुद्दा नहीं: अमित शाह ने ऑनलाइन माध्यम से लोगों को कट्टरपंथ की ट्रेनिंग देने के मुद्दे पर कहा कि इसे राजनीतिक समस्या करार नहीं दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एक डेटाबेस बना रहा है. इस डेटा के जरिए पुलिस आतंकवाद के खिलाफ और कारगर तरीके से कार्रवाई कर सकेंगी. साथ ही प्रभावी तरीके से सूचनाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. शाह ने कहा कि भारत सभी प्रकार के वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध है.
पुलिस को सशक्त बनाने की कवायद: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार पुलिस सशक्त बनाने में जुटी है. ताकी वो सभी चुनौतियों से आसानी से निपट सके. शाह ने जोर देते हुए कहा कि अपने नागरिकों की सुरक्षा पुलिस की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह अपराधी गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं ऐसे में दुनिया के देशों को भी आपसी सहयोग बढ़ाना होगा.
भाषा इनपुट से साभार
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