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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि आतंकवाद, नक्सलवाद (वामपंथी चरमपंथ) और पूर्वोत्तर में उग्रवाद की घटनाओं में 65 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि देश के तीन ‘‘संवेदनशील क्षेत्रों – एलडब्ल्यूई (वामपंथी चरमपंथ से प्रभावित राज्य), पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर- में अब शांति स्थापित हो रही है.’’ गृहमंत्री ने ‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर यहां राष्ट्रीय पुलिस स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति को कायम रखते हुए कड़ा कानून बनाया है.
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उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए ‘पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन’ की स्थापना कर उसे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ आतंकवाद-रोधी बल बनाने की दिशा में काम किया है. अमित शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव के लिए संसद में तीन विधेयक पेश किए हैं. उन्होंने कहा कि ये तीन विधेयक 150 साल पुराने कानूनों की जगह लेंगे और सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकार की गारंटी देंगे. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून में भारतीयता की झलक होगी.
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शाह ने कहा, ‘‘पुलिसकर्मियों के प्रयासों और उपलब्धियों की बदौलत आतंकवाद, वामपंथी चरमपंथ और पूर्वोत्तर में उग्रवाद की घटनाओं में 65 प्रतिशत की कमी आई है.’’ उन्होंने कहा कि चाहे आतंकवादियों से लड़ना हो, अपराध को रोकना हो, भारी भीड़ के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखना हो या आपदा के समय ढाल बनकर लोगों की रक्षा करना हो, पुलिसकर्मियों ने हर स्थिति में खुद को साबित किया है. अमित शाह ने कहा कि किसी भी देश की आंतरिक और सीमा सुरक्षा सतर्क पुलिस व्यवस्था के बिना संभव नहीं है.
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उन्होंने आपदा में पुलिसकर्मियों की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दिनों एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) के माध्यम से विभिन्न पुलिस बल के जवानों ने आपदा प्रबंधन में दुनिया भर में नाम कमाया है. उन्होंने कहा, ‘‘चाहे कितनी भी बड़ी आपदा क्यों न हो, जब एनडीआरएफ के जवान वहां पहुंचते हैं, तो लोगों को विश्वास हो जाता है कि अब कोई समस्या नहीं होगी, क्योंकि एनडीआरएफ आ गई है.’’ अमित शाह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पुलिसकर्मियों के कल्याण के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं में समय-समय पर बदलाव कर उन्हें बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है.
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी कर्मियों के कल्याण के लिए समर्पित है और उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित है. आजादी के बाद से देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले 36,250 पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि यह पुलिस स्मारक सिर्फ एक प्रतीक नहीं है, बल्कि राष्ट्र निर्माण के प्रति पुलिसकर्मियों के बलिदान और समर्पण को मान्यता प्रदान करता है.
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लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में 21 अक्टूबर, 1959 को भारी हथियारों से लैस चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले के दौरान ड्यूटी के दौरान 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. तब से हर साल 21 अक्टूबर को इन शहीदों और ड्यूटी के दौरान मारे गए अन्य सभी पुलिसकर्मियों के सम्मान में ‘पुलिस स्मृति दिवस’ मनाया जाता है.
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पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए बलिदान और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अखंडता को बनाए रखने में उनकी सर्वोच्च भूमिका को पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में ‘पुलिस स्मृति दिवस’ पर यहां चाणक्यपुरी में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक (एनपीएम) राष्ट्र को समर्पित किया था. स्मारक में एक केंद्रीय शिल्प आकृति, ‘शौर्य दीवार’ और एक संग्रहालय शामिल है. संग्रहालय की संकल्पना भारत में पुलिस व्यवस्था पर एक ऐतिहासिक और विकसित होती प्रदर्शनी के रूप में की गई है.
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‘आतंकवाद, नक्सलवाद, उग्रवाद की घटनाओं में 65% कमी आई’, बोले गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि आतंकवाद, नक्सलवाद (वामपंथी चरमपंथ) और पूर्वोत्तर में उग्रवाद की घटनाओं में 65 प्रतिशत की कमी आई है. उन्होंने कहा कि देश के तीन ‘‘संवेदनशील क्षेत्रों - LWE, पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर- में अब शांति स्थापित हो रही है.’’
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