NABARD के 42वें स्थापना दिवस पर बोले शाह, अगले 25 साल के लिए ग्रामीण क्षेत्र के वित्तपोषण का लक्ष्य करें तय

नाबार्ड 12 जुलाई, 1982 को भारतीय रिजर्व बैंक के कृषि ऋण कार्यों और तत्कालीन कृषि पुनर्वित्त और विकास निगम (एआरडीसी) के पुनर्वित्त कार्यों को स्थानांतरित करके अस्तित्व में आया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2023 8:43 PM

NABARD 42nd Foundation Day: सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नाबार्ड से अगले 25 साल के लिए कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास के वित्तपोषण का लक्ष्य तय करने को कहा है. उस समय भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा. शाह ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के 42वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संगठन के सभी कर्मचारियों को लक्ष्य तय करने में शामिल किया जाना चाहिए. शाह ने कहा कि नाबार्ड, जो ग्रामीण भारत में वित्त और पुनर्वित्तपोषण की विकास गतिविधियों में लगा है, को अपने पिछले प्रदर्शन और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य तय करने चाहिए. उन्होंने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए सहकारी संगठनों के बीच सहयोग की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.

नाबार्ड के बिना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कल्पना नहीं

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 65 प्रतिशत ग्रामीण आबादी वाला देश नाबार्ड के बिना समृद्ध नहीं हो सकता. उन्होंने कृषि विकास और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस संगठन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, आज एक स्थिति आ गई है कि हम नाबार्ड के बिना ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कल्पना नहीं कर सकते. मंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को बढ़ावा देने और गांवों को आत्मनिर्भर बनने में सहायता करने के लिए नाबार्ड द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी सराहना की. नाबार्ड 12 जुलाई, 1982 को भारतीय रिजर्व बैंक के कृषि ऋण कार्यों और तत्कालीन कृषि पुनर्वित्त और विकास निगम (एआरडीसी) के पुनर्वित्त कार्यों को स्थानांतरित करके अस्तित्व में आया था.

1982 में कृषि वित्त में अल्पकालिक ऋण मात्र 896 करोड़ रुपये था

अमित शाह ने आगे अपने बयान में कहा कि, 1982 में कृषि वित्त में अल्पकालिक ऋण मात्र 896 करोड़ रुपये था, जो आज 1.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, अगर लंबी अवधि के लोन की बात करें तो यह रकम 1 करोड़ रुपये थी, जो आज 2300 करोड़ रुपये हो गई है. (भाषा इनपुट के साथ)

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