केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर दौरे पर हैं. आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर कहा कि प्रदेश में हिंसा का दौर अस्थायी था, गलतफहमियां दूर होंगी और जल्द ही स्थिति सामान्य होगी. उन्होंने कहा कि मणिपुर में जारी संकट का समाधान वार्ता है और शीघ्र ही इस दिशा में काम होगा. अमित शाह ने कहा कि अप्रैल में एक फैसले की वजह से मणिपुर में जातीय हिंसा की शुरुआत हुई. पिछले 6 वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था.
#WATCH | I urge citizens of Manipur to not pay heed to fake news. Strict actions will be taken against anyone violating the Suspension of Operations (SoO) agreement. Those carrying weapons must surrender before the police. Combing operations will start from tomorrow and if… pic.twitter.com/kHuMpQnPUd
— ANI (@ANI) June 1, 2023
उन्होंने कहा, मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की. पिछले 1 महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं. जिन नागरिकों की हिंसा में मौत हुई है उनके परिजनों के प्रति मैं प्रधानमंत्री मोदी और अपनी तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं. हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा. हिंसा के 6 केसों की जांच सीबीआई करेगी. हिंसा पीड़ितों को 10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा हुई है, जिसमें से 5 लाख राज्य सरकार देगी और 5 लाख का योगदान केंद्र का होगा.
आपको बताएं कि, 3 मई को मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा शुरू होने के बाद से कम से कम 75 लोग मारे गए हैं, सैकड़ों घायल हुए हैं और लगभग 50,000 विस्थापित हुए हैं. मणिपुर सरकार ने मोबाइल और ब्रॉडबैंड दोनों पर इंटरनेट प्रतिबंध 5 जून तक के लिए बढ़ा दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने लोगों से उन हथियारों को वापस करने का भी आग्रह किया है, जो दंगों के दौरान पुलिस बटालियन से छीने गए थे.
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