किसी सरकार ने सावरकर को वीर की उपाधि नहीं दी थी. इस देश की जनता ने उन्हें वीर नाम दिया था. उनकी देशभक्ति और निष्ठा को देखते हुए उन्हें यह उपाधि दी गयी थी. आज उनकी देशभक्ति पर सवाल उठ रहे हैं. यह दुखद है कि जिस आदमी को आजादी की लड़ाई के दौरान दो बार आजीवन कारावास की सजा दी गयी आज उनकी निष्ठा और देशभक्ति पर सवाल उठाये जा रहे हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने आज सेल्युलर जेल में भारत और इसके स्वतंत्रता संग्राम के लिए वी डी सावरकर की प्रतिबद्धता पर संदेह करने वाले लोगों पर हमला बोलते हुए उक्त बातें कहीं. अमित शाह ने यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान पर दी है जिसमें उन्होंने कहा था वी डी सावरकर ने महात्मा गांधी की सलाह पर अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी.
#WATCH | No govt gave title of 'Veer' to Savarkar. 131 cr people added 'Veer' to his name to acknowledge his courage & patriotism. Some are questioning his life. Painful that you're questioning patriotism of a man sentenced to 2 life terms of imprisonment..: HM at Cellular Jail pic.twitter.com/jy5lkQ1SfW
— ANI (@ANI) October 15, 2021
अमित शाह ने कहा कि इस जेल में तेल निकालने के लिए कोल्हू के बैल की तरह पसीना बहाने वाले और आजीवन कारावास की दो सजा पाने वाले व्यक्ति की जिंदगी पर आप कैसे शक कर सकते हैं. इस जेल में भारत के लंबे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था.
शाह ने कहा कि सावरकर के पास वह सब कुछ था, जो उन्हें अच्छे जीवन के लिए चाहिए होता, लेकिन उन्होंने कठिन रास्ता चुना, जो मातृभूमि के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. भारत की आजादी के 75 साल के जश्न के तहत सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है और इसी के तहत यह कार्यक्रम आयोजित था.
Posted By : Rajneesh Anand