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अमित शाह 14 जुलाई को करेंगे मेगा कॉन्क्लेव का उद्घाटन, प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को मिलेगी मजबूती

सहकारिता मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि, सम्मेलन का उद्देश्य एफपीओ के माध्यम से पैक्स को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करना है, सम्मेलन में क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ देश भर के एफपीओ के सदस्यों की भागीदारी देखी जाएगी.

Amit Shah Mega Conclave Inauguration: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राजधानी दिल्ली में 14 जुलाई को एफपीओ के माध्यम से पैक्स को मजबूत करने के मुद्दे पर एक दिवसीय मेगा कॉन्क्लेव का उद्घाटन करने वाले हैं. इस कॉन्क्लेव का मकसद किसान उत्पादक संगठनों को के माध्यम से प्राथमिक कृषि ऋण समितियों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करना है. सामने आयी जानकारी के मुताबिक इस कॉन्क्लेव में क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ देशभर के एफपीओ मेंबर्स हिस्सा लेंगे. बता दें इस मेगा कॉन्क्लेव का आयोजन केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की मदद से राष्ट्रीय सहकारी विजकास निगम द्वारा की जा रही है.

क्या है सम्मलेन का मकसद

सहकारिता मंत्रालय ने जानकारी देते हुए कहा कि, सम्मेलन का उद्देश्य एफपीओ के माध्यम से पैक्स को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करना है, सम्मेलन में क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ देश भर के एफपीओ के सदस्यों की भागीदारी देखी जाएगी. किसानों द्वारा बनायी गयी सामूहिक संस्थाएं होने के वजह से जो उन्हें संसाधनों को इकठ्ठा करने और उनकी सौदेबाजी की शक्ति को बढ़ाने में सक्षम बनाती है, एफपीओ कृषि परिवर्तन के प्रमुख वाहनों में से एक हैं. पीएम मोदी के सहकार से समृद्धि के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह के कोशिशों से हाल हे में सहकारी क्षेत्र में 1,100 नये एफपीओ बनाने का फैसला किया है.

एफपीओ योजना के तहत हर एक एफपीओ को 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है

सहकारिता मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल के साथ, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में सहकारी क्षेत्र को बढ़ावा देने और व्यापक समर्थन प्रदान करने की योजना के तहत पैक्स को मजबूत करने के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों के लिए सहकारी क्षेत्र में 1,100 एफपीओ बनाने और बढ़ावा देने के लिए एनसीडीसी को अतिरिक्त ब्लॉक आवंटित किए हैं. जानकारी के लिए बता दें एफपीओ योजना के तहत हर एक एफपीओ को 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. केवल यहीं नहीं, एफपीओ को बढ़ावा देने और उन्हें संभालने के लिए क्लस्टर-आधारित व्यापार संगठनों (सीबीबीओ) को प्रति एफपीओ 25 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.

एफपीओ कैसे करता है मदद

अगर आप नहीं जानते तो बता दें एफपीओ को खेती को टिकाऊ बनाने, आजीविका को बढ़ावा देने और कृषि पर निर्भर लोगों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने में काफी अहम भूमिका निभाने के रूप में देखा में देखा जा रहा है. वे छोटे और सीमांत किसानों/प्रोड्यूसर्स को बेहतर कीमतें हासिल करने, परिवहन लागत कम करने और समग्र उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं. सरकार एफपीओ योजना में पैक्स के एकीकरण पर खासा ध्यान दे रही है क्योंकि, किसानों को उत्पादन इनपुट की आपूर्ति जैसी गतिविधियों की अपनी व्यावसायिक श्रृंखला का विस्तार करने में सक्षम बनाया जा सके.

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