नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि मनी लॉन्ड्रिंग के तहत एमनेस्टी इंडिया की करीब 1.54 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया से जुड़े एक धर्मार्थ ट्रस्ट की 1.54 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत कुर्क की गई है. ईडी ने कहा कि पीएमएलए के तहत कुर्की का एक अस्थायी आदेश जारी किया जा चुका है.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एमनेस्टी इंडिया द्वारा विदेशी चंदा विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन से जुड़े एक मामले में इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट (आईएआईटी) के खिलाफ आदेश जारी किया गया है. प्रवर्तन निदेशालय ने ‘एमनेस्टी इंडिया’ के खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट (एआईआईएफटी) को 2011-12 के दौरान एफसीआरए, 2010 के तहत एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके से विदेशी चंदा प्राप्त करने की अनुमति दी गई थी.
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि हालांकि, बाद में इसे रद्द कर दिया गया था और अनुमति या रजिस्ट्रेशन करने से इनकार कर दिया गया था. निदेशालय ने कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एआईआईपीएल) और आईएआईटी का गठन 2013-14 और 2012-13 में एफसीआरए से बचने के लिए किया गया था और उन्होंने सेवा निर्यात एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की आड़ में भेजे गए धन से एनजीओ गतिविधियों को अंजाम दिया.
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प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा की गई जांच में पाया गया कि एआईआईएफटी के एफसीआरए लाइसेंस को रद्द करने पर एमनेस्टी संस्थाओं ने विदेश से धन प्राप्त करने के लिए एक नया तरीका अपनाया था. निदेशालय ने कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके ने सेवाओं के निर्यात एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की आड़ में एआईआईपीएल को 51.72 करोड़ रुपये भेजे थे.