Amnesty International, Government of India: मानवाधिकारों की निगरानी करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी ने भारत में अपना काम बंद करने की घोषणा की है. उसने ये फैसला हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के संस्था के खातों को फ्रीज करने के बाद किया है. संस्था का कहना है कि सरकार ने एक कार्रवाई के तहत उसके अकाउंट बैंक फ्रीज कर दिए थे, जिस वजह से संस्था का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया और अधिकतर स्टाफ को निकालना भी पड़ा
संस्था ने भारत सरकार पर ‘witch-hunt’ यानी पीछे पड़ जाने का आरोप लगाया है. भारत सरकार ने अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने सीबीआई की ओर से पिछले साल दर्ज एक एफआईआर के बाद अलग से जांच शुरू की थी. एमनेस्टी पर विदेशी चंदा लेने के बारे में बने क़ानून एफ़सीआरए के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था.
एमनेस्टी ने एक बयान में अपना काम बंद करने के लिए “सरकार की बदले की कार्रवाई” को जिम्मेदार बताया है. एमनेस्टी द्वारा भारत में काम काज बंद करने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर मिली जुली प्रतिक्रियायें सामने आ रही हैं. कुछ लोग इस बहाने मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं तो वहीं कुछ लोग अंतरराष्ट्रीय संस्था की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. सुशांत नामक एक यूजर ने एमनेस्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
दूसरों के हक की लड़ाई लड़ने का दावा करनेवाला #Amnesty खुद अपनी लड़ाई नहीं लड़ पाया और बोरिया बिस्तर समेट के निकल लिया? ED/IT के सवालों से, अकाउंट फ्रीज़ होने से लड़ना था या भागना था? सीधे बोलो कि भाई अब एजेंडा चलाने में दिक्कत हो रही इसलिए 'अच्छा चलता हूँ, दुआओं में याद रखना'।
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) September 29, 2020
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने कहा कि पिछले दो सालों से संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और बैंक खातों की फ्रीज करना आकस्मिक नहीं है. प्रवर्तन निदेशालय सहित सरकारी एजेंसियों द्वारा निरंतर उत्पीड़न किया जा रहा है. हाल में हमने दिल्ली हिंसा और जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर अपनी आवाज उठाई, जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई की.
#NEWS: Amnesty International India Halts Its Work On Upholding Human Rights In India Due To Reprisal From Government Of Indiahttps://t.co/W7IbP4CKDq
— Amnesty India (@AIIndia) September 29, 2020
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने कहा कि हम सभी भारतीय और अंतररष्ट्रीय कानूनों का पालन कर रहे हैं. भारत में मानव अधिकारों के काम के लिए संस्था घरेलू स्तर पर धन जुटाने के एक अलग मॉडल के माध्यम से संचालित होती है. पिछले आठ सालों में चार मिलियन से अधिक भारतीयों ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के काम का समर्थन किया है और करीब 100,000 भारतीयों ने वित्तीय योगदान दिया है.
Posted By: Utpal kant