खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने बड़ा सवाल उठाया है. कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा, भारत विरोधी प्रचारक और आतंकवादियों के समर्थक अमृतपाल सिंह को पहली बार में भागने में किसने मदद की थी?
कांग्रेस ने केंद्र और पंजाब सरकार पर निशाना साधा
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पर बड़ा सवाल उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, अमृतपाल सिंह के फरार होने में बड़ी साजिश नजर आ रही है. इस मामले में केंद्र सरकार ने अबतक कोई बयान क्यों नहीं जारी किया. विदेशी मदद पर भी सुरजेवाला ने केंद्र सरकार को घेरा.
#WATCH | On Waris Punjab De's #AmritpalSingh's arrest by Punjab Police, Congress MP Randeep Surjewala says, "…Who helped the anti-India propagandist and supporter of terrorists, Amritpal Singh escape in the first instance?…" pic.twitter.com/eyutHT2t5f
— ANI (@ANI) April 23, 2023
पंजाब के मोगा से अमृतपाल की हुई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि रविवार की सुबह पंजाब के मोगा से खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया. अमृतपाल रोडेवाला गुरुद्वारे में रात को पहुंचा था. जिसकी जानकारी इंटेलिजेंस ने मोगा पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस टीम ने रोडे गांव को चारों तरफ से घेर लिया. बाद में अमृतपाल सिंह ने गुरुद्वारे से बाहर निकलकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
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NSA के तहत हुई अमृतपाल की गिरफ्तारी
पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक सुखचैन सिंह गिल ने कहा, हमें विशेष सूचना मिली थी कि अमृतपाल सिंह रोडे गांव में है, उसे घेर लिया गया था और उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी. उन्होंने बताया कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ रासुका के तहत वारंट जारी किए गए और उन्हें आज सुबह तामील किया गया. उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव से सुबह छह बजकर 45 मिनट पर अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया.
डिब्रूगढ़ जेल में रहेगा भगोड़ा अमृतपाल सिंह
36 दिनों से फरार अमृतपाल सिंह को गिरफ्तारी के बाद बठिंडा से असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया. जहां उसे डिब्रूगढ़ जेल में बंद कर दिया जाएगा. इसी जेल में उसके कई समर्थक बंद हैं.
18 मार्च से फरार था अमृतपाल सिंह
पुलिस ने अजनाला थाने पर हमला करने के बाद 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था.