Amritpal Singh Arrest Operation: खालिस्तान समर्थक संगठन वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है. हालांकि, पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के कई साथियों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल, पुलिस अमृतपाल सिंह की तलाश कर रही है. इस बीच बड़ा खुलासा हुआ है. पंजाब पुलिस की ओर से कहा गया है कि अमृतपाल का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से कनेक्शन है.
जालंधर के डीआईजी स्वपन शर्मा ने कहा कि अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए निर्देश दिया गया था. पीछा करने के दौरान अमृतपाल सिंह ने कई बार अपना रास्ता बदला. उसका पीछा करते हुए पुलिस की टीम 12-13 किमी की एक-लेन की लिंक रोड पर पहुंच गयी. उन्होंने बताया कि पीछा करते हुए वह हमसे आगे एक लेन की लिंक रोड पर आ गया. हमसे आगे निकलने के दौरान वह 6-7 मोटरसाइकिल सवारों से टकरा गया, इनमें से कुछ हमें पीछा करने से रोकने के मकसद से थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मेहतपुर में दो कारों को बरामद कर लिया है. इसके साथ ही सात अवैध हथियार भी बरामद किए गए हैं. स्वपन शर्मा ने बताया कि कार में अमृतपाल सिंह समेत चार लोग सवार थे. चारों का अभी पता नहीं चल सका है.
डीआईजी ने कहा कि अमृतपाल सिंह को पहली बार शाहकोट इलाके में देखा गया था. जब उनके काफिले को पहली बार रोका गया, तो उन्होंने यू-टर्न लिया और एक-लेन लिंक रोड की ओर जाने वाले फ्लाईओवर के नीचे चले गए. इस सवाल पर कि क्या अमृतपाल सिंह पंजाब में छिपा हुआ है या पहले ही राज्य छोड़ चुका है, डीआईजी ने कहा कि यह खुफिया जानकारी पर आधारित ऑपरेशन है और यह जानकारी साझा नहीं की जा सकती है. डीआईजी से पूछा गया कि क्या अमृतपाल सिंह की पत्नी ने कनाडा के वीजा के लिए आवेदन किया था और अमृतपाल भी नेपाल के रास्ते कनाडा भागने की योजना बना रहा था, स्वपन शर्मा ने कहा कि यह एक संभावना हो सकती है, लेकिन इसकी जांच की जरूरत है. जानकारी के मुताबिक, सीमावर्ती राज्य में शनिवार को पंजाब पुलिस और अमृतपाल सिंह के बीच चूहे-बिल्ली की दौड़ में एक बड़ा ड्रामा देखा गया, जिसके लिए राज्य भर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं. घंटों पीछा किया गया और अमृतपाल सिंह लगभग पकड़ लिया गया था, लेकिन अंतत: वह पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा.
रिपोर्टों में कहा गया है कि उसने पुलिस को चकमा देने के लिए वाहन बदले और पीछा करने के दौरान अपना मोबाइल फोन भी फेंक दिया. वारिस पंजाब डे के कम से कम 78 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और हथियारों की जब्ती के अभियान के एक दिन बाद भी अमृतपाल सिंह फरार हैं. जिसको लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी नेता सुनील जाखड़ ने कहा कि जो ऑपरेशन बिना किसी ताकत और दिखावे के चलाया जा सकता था, वह पूरे देश के सामने हो रहा है. बीजेपी नेता ने कहा, भगवंत मान की कमजोरी के कारण बड़े आतंकवादी संगठनों को पंजाब में अलगाववादियों को एक्सपोज नहीं किया जा सका है.
बताते चलें कि अमृतपाल सिंह के कथित सलाहकार और फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी उर्फ सरबजीत सिंह कलसी को गिरफ्तार कर लिया गया है. कलसी के फोन और उससे जुड़े हुए लोगों के फोन में पाकिस्तानी नंबर मिले हैं. पाकिस्तान में जिन नंबरों से बात होती थी वो नंबर ट्रेस कर लिए गए हैं. बताया जा रहा है कि इन नंबरों से करीब 30 करोड़ रुपये की फंडिंग आई है.