Amritpal Singh: खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह पुलिस की पकड़ से अब भी बाहर है. वो कहां है इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं है. हालांकि अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस लगातार ऑपरेशन कर रही है. इस बीच भगोड़े आरोपी अमृतपाल सिंह की सरेंडर करने की खबरें आ रही है. बताया जा रहा है कि भगोड़े आरोपी ने सरेंडर के लिए तीन शर्ते भी रखी है. उसकी शर्तों में अमृतपाल सिंह ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी को आत्मसमर्पण दिखाया जाए. उसकी दूसरी शर्त है कि उसे पंजाब की जेल में ही रखा जाए. तीसरी शर्त के मुताबिक पुलिस कस्टडी में उसके साथ मारपीट न की जाए.
पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा: वहीं, अमृतपाल सिंह के सरेंडर की खबर को लेकर पंजाब में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमृतपाल पंजाब के स्वर्ण मंदिर में सरेंडर कर सकता है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि वह दमदमा साहिब में भी सरेंडर कर सकता है. उसकी सरेंडर की खबर को लेकर फिलहाल स्वर्ण मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बता दें पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के खिलाफ 18 मार्च को ऑपरेशन शुरू किया था, इसी के बाद से वो फरार हो गया था.
शरबत खालसा के लिए वीडियो जारी: सरेंडर की खबरों के बीच अमृतपाल सिंह का नया वीडियो सामने आया है. इस वीडियो के जरिए अमृतपाल सिंह सरबत खालसा का आह्वान किया है. वीडियो में भगोड़े आरोपी ने यह भी कहा है कि यदि पंजाब सरकार केवल उसे गिरफ्तार करना चाहती तो वे उसके घर आते और वह आत्मसमर्पण कर देता. उसने दावा किया कि उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई सिख समुदाय पर एक हमला है. हालांकि वीडियो पर कोई तारीख नहीं है और इसमें वह पंजाबी में कहते हुए सुना गया, जहां तक मेरी गिरफ्तारी का सवाल है, यह ईश्वर के हाथ में है.
क्या होता है शरबत खालसा: पंजाब में सरबत खालसा एक आम बात है. शरबत खालसा का मतलब एक ऐसी सभा से है जिसमें कई सिख संगठन हिस्सा लेते हैं. इस दौरान संगठन आए हुए संकट को लेकर विचार विमर्श करते हैं और इसका हल तलाशने की कोशिश करते हैं. शइ सभा में जो भी फैसला होता है तख्त साहिब के जत्थेदार कौम को उसका पालन करने के लिए आदेश देते हैं. यह आदेश सबको मानना होता है. अमृतपाल ने भी समुदाय के सदस्यों से बड़ी संख्या में शरबत खालसा में हिस्सा लेने को कहा है.
अमृतपाल ने किया पुलिस पर हमला: वीडियो में अमृतपाल ने कहा कि हमें वर्तमान स्थिति को समझने की जरूरत है कि यह केवल मेरी गिरफ्तारी का मुद्दा नहीं है. यह मामला सिख समुदाय पर हमले का है. मुझे पहले भी गिरफ्तारी का डर नहीं था और न ही अब है. मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम लिए बिना, भगोड़े अमृतपाल ने अकाल तख्त जत्थेदार से संबंधित उनकी टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की.
भाषा इनपुट के साथ