असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ने पत्नी किरणदीप कौर से मुलाकात की. करीब 48 दिनों के बाद जब दोनों के बीच भेंट हुई तो एक घंटे तक बातचीत होती रही.
मीडिया से कोई बात नहीं की अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर
पति अमृतपाल से मिलने डिब्रूगढ़ जेल पहुंची किरणदीप कौर ने मीडिया से कोई बात नहीं की. किरणदीप कौर ने अपना चेहरा दुपटे से ढक रखा था. मालूम हो फरार होने के बाद अमृतपाल से उसकी पहली मुलाकात थी.
पुलिस ने अमृतपाल की पत्नी को लंदन जाने से रोका था
मालूम हो जब अमृतपाल सिंह फरार चल रहा था, तब उसकी पत्नी किरणदीप कौर लंदन जाने के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पहुंची थी. लेकिन वहां पंजाब पुलिस ने उन्हें रोक दिया. उसके साथ घंटों पूछताछ की गयी थी. हालांकि पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था.
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Assam | 'Waris Punjab De' chief Amritpal Singh's wife Kirandeep Kaur visited Dibrugarh jail to meet him. pic.twitter.com/KgNIWY73ja
— ANI (@ANI) May 4, 2023
जेल में बंद अमृतपाल ने कहा, मैं ऊर्जा से भरपूर और आशावादी हूं
असम के डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने अपने वकील को लिखे पत्र में कहा है कि वह जेल भी ऊर्जा से भरपूर और आशावादी है. अमृतपाल समेत इसके संगठन के गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के परिजन डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार में उनसे मुलाकात की. अमृतपाल ने जेल में अपने वकील भगवंत सिंह सियाल्का को गुरमुखी में लिखा एक पत्र सौंपा, जिसमें उसने कहा, ईश्वर की कृपा से मैं यहां भी ऊर्जा से भरपूर और आशावादी हूं.
अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार पर लगाया आरोप
अपने संगठन के सदस्यों के खिलाफ मामलों का जिक्र करते हुए अमृतपाल सिंह ने पंजाब सरकार पर ज्यादती करने और सिखों के खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज करने का आरोप लगाया. उसने पत्र में कहा, यह पूरा मामला ‘खालसा पंथ’ का है और मैं ‘पंथ’ से अपील करता हूं कि सक्षम अधिवक्ताओं का एक पैनल बनाया जाए, जो इन सभी मामलों को देखे.
23 अप्रैल को डिब्रूगढ़ लाया गया था अमृतपाल सिंह
गौरतलब है कि अमृतपाल को पंजाब में गिरफ्तारी के बाद 23 अप्रैल को असम के डिब्रूगढ़ जेल लाया गया था. वह तब से एकांत कारावास में है. अमृतपाल सिंह के अलावा ‘वारिस पंजाब दे’ के नौ अन्य कार्यकर्ताओं को 19 मार्च से डिब्रूगढ़ जेल लाया जा चुका है.
अमृतपाल ने अपने समर्थकों के साथ अजनाला थाने पर हमला बोला था
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके समर्थकों ने हथियारों के साथ पिछले महीने अजनाला थाने पर धावा बोला था. जिसे देश के सुरक्षा तंत्र द्वारा एक चुनौती के रूप में देखा गया था. पंजाब पुलिस ने अजनाला थाने पर हमला करने के बाद 18 मार्च को अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी, जिसके बाद से वह 36 दिनों तक फरार रहा.