चीन से लगने वाली सीमा पर टूटा एक अहम ब्रिज, पुल के साथ ट्रक भी खाई में गिरी
नयी दिल्ली : गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत चीन तनाव चरम पर है. भारत चीन से लगने वाली सीमा पर अपनी पूरी ताकत बढ़ाने में लगा है. इस बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ स्थित मुनस्यारी में सामरिक रूप से बेहद अहम माना जाने वाला बैली ब्रिज आज टूट गया है. पुल के ऊपर से गुजर रहा एक भारी ट्रक पुल के साथ खाई में समा गया. इसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए है. धापा के पास सेनर नाले पर बने पुल के टूट जाने से भारतीय सेना को एक बड़ा झटका लगा है.
नयी दिल्ली : गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत चीन तनाव चरम पर है. भारत चीन से लगने वाली सीमा पर अपनी पूरी ताकत बढ़ाने में लगा है. इस बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ स्थित मुनस्यारी में सामरिक रूप से बेहद अहम माना जाने वाला बैली ब्रिज आज टूट गया है. पुल के ऊपर से गुजर रहा एक भारी ट्रक पुल के साथ खाई में समा गया. इसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए है. धापा के पास सेनर नाले पर बने पुल के टूट जाने से भारतीय सेना को एक बड़ा झटका लगा है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने पुल के गिरने का वीडियो जारी किया है. इसमें देखा जा सकता है कि एक ट्रक जेसीबी मशीन को लेकर पुल पार कर रहा था. जैसे ही ट्रक पुल के बीच में पहुंचा पूरा का पूरा पुल भरभराकर गिर गया. पुल के साथ-साथ ट्रक भी खाई में गिर गया. चीन से लगने वाली सीमा पर भारत तेजी से निमार्ण कार्य करवा रहा है. वहां सड़कें बनायी जा रही है. इसके लिए भारी मशीनरी का आना-जाना लगा हुआ है.
इन दिनों चीन बॉर्डर को जोड़ने वाली मिलम रोड पर भी तेजी से काम चल रहा है. इस काम के लिए भारी-भरकम मशीनों को बॉर्डर पर पहुंचाया जा रहा है. इसी क्रम में सोमवार की सुबह यह ब्रिज टूट गया और एक बड़ी मुश्किल खड़ी हो गयी. इस पुल के टूटन से चीन सीमा पर जाने वाले आईटीबीपी और भारतीय सेना के जवानों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
#WATCH Uttarakhand: A vehicle fell off Bailey Bridge in Pithoragarh as the bridge collapsed while the vehicle was crossing it. Two people who were injured were taken to Munsyari for medical treatment. pic.twitter.com/kcWYwyi1Ds
— ANI (@ANI) June 22, 2020
भारतीय सेना और चीन की फौज के बीच गतिरोध के बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने भारत चीन सीमा पर चल रही सड़क परियोजनाओं की सोमवार को समीक्षा की और उनमें से 32 परियोजनाओं के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया. गृह मंत्रालय द्वारा बुलायी गयी बैठक में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) समेत अन्य ने भाग लिया.
बैठक की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘चीन के साथ सीमा पर 32 सड़क परियोजनाओं पर काम शीघ्र किया जायेगा और सभी संबंधित एजेंसियां अपना सहयोग फास्ट ट्रैक परियोजानाओं को देंगी.’ भारत सीमा पर कुल 73 सड़कें बनायी जा रही हैं. इनमें से 12 पर सीपीडब्ल्यूडी और 61 पर बीआरओ काम कर रहा है. यह काम केंद्रीय गृह मंत्रालय की सीधी निगरानी में किया जा रहा है जो सभी सीमा अवसंरचना परियोजनाओं के लिए नोडल प्राधिकार है.
सीमा पर सड़कों के अलावा, बिजली, स्वास्थ्य, दूरसंचार और शिक्षा जैसे सीमा बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित अन्य परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दी जायेगी. मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, हाल के सालों में भारत चीन सीमा से सटे इलाकों में सड़क निर्माण के कामों में तेजी आई है. अधिकारियों ने बताया कि 2017 से 2020 के बीच सीमा से सटे इलाकों में 470 किलोमीटर सड़क के लिए रास्ता बनाने (फॉरमेशन कटिंग) का काम पूरा किया गया जबकि 2008 से 2017 के बीच यह सिर्फ 230 किलोमीटर था.
उन्होंने बताया कि 2017-20 के बीच 380 किलोमीटर सड़क के लिए रास्ता साफ किया गया. उन्होंने बताया कि 2014-20 के बीच छह सुरंग सड़कों का निर्माण किया गया जबकि 2008 से 14 के बीच सिर्फ एक सुरंग सड़क का निर्माण किया गया था. इसके अलावा 19 सुरंग सड़कें योजना के चरण में हैं. 2014-20 के बीच कुल 4,764 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है जबकि 2008-14 के बीच 3,610 सड़क का निर्माण किया गया था.
इसी तरह से हाल के सालों में सड़क परियोजनाओं के बजट में भी इजाफा किया गया है. 2008 और 2016 के बीच प्रति वर्ष सड़क परियोजनाओं के लिए बजट 3,300 करोड़ रुपये से 4,600 करोड़ रुपये तक था. 2017-18 में सीमावर्ती इलाकों में सड़क परियोजनाओं के लिए 5450 करोड़ रुपये दिये गये थे, जबकि 2018-19 में 6700 करोड़ रुपये, 2019-20 में 8050 करोड़ रुपये तथा 2020- 21 में 11,800 करोड़ रुपये दिये गये हैं.
posted By: Amlesh Nandan Sinha.