जम्मू कश्मीर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजात के राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले G- 23 में शामिल कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं का जमावड़ा हुआ था. इन्होंने चिंता जतायी थी कि पार्टी लगातार कमजोर हो रही है, यहां कांग्रेस को औऱ मजबूत करने की बात हुई और पार्टी की कई रणनीति को लेकर सवाल भी खड़े किये गये अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक बार फिर पार्टी की रणनीति पर सवाल खड़े किये हैं.
पाचं राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है. कांग्रेस इन राज्यों में अपनी पार्टी की दावेदारी मजबूत करने में लगी है ऐसे में पार्टी के अंदर ही वरिष्ठ नेताओं के बागी स्वर सुनायी देने लगे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ हुए गठबंधन को लेकर सवाल खड़ा किया उन्होंने कहा, पार्टी का यह फैसला पार्टी की ही विचारधारा के खिलाफ है.
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आनंद शर्मा ने ट्वीट कर यह सवाल खड़ा किया है इसमें उन्होंने लिखा, शर्मा ने कहा, ‘आईएसएफ जैसी पार्टियों और ऐसी अन्य ताकतों के साथ गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा के विपरीत है. उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी की आत्मा गांधीवादी और नेहरूवादी सेक्युलरिज्म के तरीके के विपरीत है. ऐसे फैसलों के लिए सेंट्रल वर्किंग कमिटी की मंजूरी की जरूरत होती है.
एक के बाद एक किये गये ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा, कांग्रेस सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने में सिलेक्टिव नहीं हो सकती. पार्टी को धर्म और रंग में भेद ना करते हुए सभी जगह सांप्रदायिकता का विरोध करना चाहिए . पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष का इसको बढ़ावा देना दर्दनाक और शर्मनाक है. उन्हें इसपर सफाई देनी चाहिए.
पीरजादा अब्बास सिद्दिकी पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ के प्रभावशाली मौलवी हैं. वह लंबे समय तक ममता बनर्जी के साथ थे लेकिन उन्होंने अब नयी पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) बनायी है जिसके साथ कांग्रेस ने गठबंधन कर लिया है. ऐसी खबर थी कि पहले वह असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे लेकिन दोनों के बीच सहमति नहीं बनी तो कांग्रेस ने हाथ आगे बढ़ा दिया . अब वह लेफ्ट औऱ कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे .
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जम्मू कश्मीर में G – 23 में शामिल नेताओं ने कांग्रेस के कमजोर होने की बात कही थी यहां नेताओं ने कहा था कि पिछले 10 सालों में कांग्रेस कमजोर हुई है. कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, मनीष तिवारी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने इस कार्यक्रम में कांग्रेस की वर्तमान हालत को लेकर पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा था.