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Anemia Mukt Bharat: एनीमिया से निपटने के लिए आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 वाले चावल मुहैया करा रही है सरकार

Anemia Mukt Bharat: देश को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार कई स्तर पर प्रयास कर रही है. एनीमिया मुक्त भारत भारत अभियान के तहत बच्चे, युवा, महिलाओं के लिए कई स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं.

By Vinay Tiwari | August 6, 2024 6:25 PM
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Anemia Mukt Bharat: देश के बच्चों, युवाओं और महिलाओं को एनीमिया से मुक्त करने के लिए सरकार कई स्तर पर प्रयास कर रही है. एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) के तहत 6-59 महीने के बच्चे, 5-9 साल के बच्चे, 10-19 साल के किशोर, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रोफाइलेक्टिक आयरन फोलिक एसिड सप्लीमेंट, कृमि मुक्ति (डीवर्मिंग), साल भर चलने वाला अभियान, डिजिटल इनवेसिव हीमोग्लोबीनोमीटर के जरिये जांच और उपचार के तरीके अपनाकर एनीमिया मुक्त बनाने का काम किया जा रहा है. साथ ही सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आयरन फोलिक एसिड फोर्टिफाइड चावल मुहैया कराने का काम भी कर रही है. मिशन पोषण 2.0 के तहत सामुदायिक सहभागिता, लोक संपर्क, व्यवहार परिवर्तन के जरिए कुपोषण को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. पोषक तत्वों के सेवन में अंतर को पाटने के लिए बच्चों (6 महीने से 6 साल), गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और किशोरियों (आकांक्षी जिलों और पूर्वोत्तर राज्यों में 14 से 18 साल) को अतिरिक्त पोषण प्रदान किया जा रहा है.  

सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले अन्य उपाय


इसके अतिरिक्त, एनीमिया से निपटने के लिए सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (पीएम-पोषण) योजना, एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चावल फोर्टिफिकेशन पहल के तहत आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 से समृद्ध चावल की आपूर्ति कर रही है. राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं को आयरन फोलिक एसिड मुहैया कराने की बात करें तो राष्ट्रीय स्तर पर 95 फीसदी गर्भवती महिलाओं को यह मुहैया कराया जा रहा है, जबकि स्तनपान कराने वाली 65.9 फीसदी महिलाओं को यह दवा मिल पा रही है. राज्यों की बात करें तो बिहार में 90.8 फीसदी गर्भवती और 51.4 फीसदी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आयरन फोलिक एसिड मिल रहा है. वहीं झारखंड में 92.4 फीसदी गर्भवती और 76.2 फीसदी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सह दवा मिल पा रही है. 

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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