Pegasus Spyware Case: अनिल अंबानी का भी फोन हुआ हैक! पेगासस कांड में नया खुलासा, जानें पूरा डिटेल
Pegasus Spyware Case: पेगासस जासूसी मामले (Pegasus spyware case) में नये नाम जुड़ रहे हैं. इस कड़ी में अब जाने मानें उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) का भी नाम भी जुड़ गया है. इसके अलावा एडीए समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी का भी फोन हैक किए जाने की आशंका जताई जा रही है.
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अनिल अंबानी का फोन भी हैक किए जाने की आशंका
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कॉरपोरेट संचार प्रमुख टोनी जेसुदासन और उनकी पत्नी का भी नाम शामिल
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फ्रांस की कंपनी एनर्जी ईडीएफ के प्रमुख हरमनजीत नेगी का नंबर भी शामिल
Pegasus Spyware Case: पेगासस जासूसी मामले (Pegasus spyware case) में नये नाम जुड़ रहे हैं. इस कड़ी में अब जाने मानें उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) का भी नाम भी जुड़ गया है. इसके अलावा एडीए समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी का भी फोन हैक किए जाने की आशंका जताई जा रही है.
न्यूज पोर्टल द वायर में छपी खबर के अनुसार, जिन नंबरों का अनिल अंबानी और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के एक अन्य अधिकारी ने उपयोग किया, वे नंबर उस लीक सूची में शामिल है. जिसका विश्लेषण पेगासस प्रोजेक्ट समूह मीडिया भागीदारों ने किया था.
वायर की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, अनिल अंबानी के अलावा, कंपनी के एक अन्य अधिकारी का भी फोन नंबर सूची में शामिल हैं. कॉरपोरेट संचार प्रमुख टोनी जेसुदासन और उनकी पत्नी का भी नाम शामिल हैं. रिपेर्ट में यह भी कहा गया है कि यह पुष्टि नहीं की जा सकती कि अनिल अंबानी वर्तमान में उस फोन नंबर का उपयोग कर रहे हैं या नहीं. इस बारे में फिलहाल एडीएजी से रिपोर्ट के बारे में प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
वायर की रिपोर्ट में इसका भी जिक्र है कि, दासो एविएशन के भारतीय प्रतिनिधि वेंकट राव पोसिना, साब इंडिया के पूर्व प्रमुख इंद्रजीत सियाल और बोइंग इंडिया के प्रमुख प्रत्यूष कुमार के नंबर भी 2018 और 2019 में हैक हुए थे. इसके अलावा, इसके अलावा फ्रांस की कंपनी एनर्जी ईडीएफ के प्रमुख हरमनजीत नेगी का भी फोन नंबर लीक आंकड़े में शामिल है.
पेगासस के संभावित लक्ष्यों में दलाई लामा के सलाहकार भी: दलाई लामा के सलाहकारों के नाम भी इस्राइली स्पाइवेयर पेगासस के संभावित लक्ष्यों की सूची में थे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों के समूह ने गुरुवार को यह खबर दी.
10 लोगों की जासूसी का खर्च करीब नौ करोड़ रुपये: पेगासस का इस्तेमाल हर किसी के बस की बात नहीं है. अपनी खूबियों के चलते ये सॉफ्टवेयर बहुत महंगा है. 2016 के रिपोर्ट के मुताबिक, पेगासस के जरिये 10 लोगों की जासूसी का खर्च करीब नौ करोड़ रुपये बैठता है. इसमें करीब 4.84 करोड़ फोन को हैक करने का खर्च था. करीब 3.75 करोड़ इंस्टॉलेशन फीस के तौर पर चार्ज किये जाते थे. एक साल की लाइसेंस फीस करीब 60 करोड़ रुपये के आसपास बैठती थी.
भाषा इनपुट के साथ
Posted by: Pritish Sahay