एंजियोग्राफी के लिए मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराए गए अनिल देशमुख, अदालत से जमानत मिलने के बाद इलाज शुरू
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को शुक्रवार को हृदय धमनी की एंजियोग्राफी के लिए मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अनिल देशमुख को पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था और बंबई हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी.
मुंबई : मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख को एंजियोग्राफी कराने के लिए मुंबई के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है. बंबई हाईकोर्ट की ओर से जमानत मिलने के बाद उनके इलाज की प्रक्रिया शुरू की गई है. इससे पहले विशेष पीएमएलए ने उनकी जमानत अर्जी को रद्द कर दिया था. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद अभी हाल ही में बंबई हाईकोर्ट की ओर से उन्हें इलाज कराने के लिए जमानत दी गई है.
हृदय की धमनी का होगा इलाज
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को शुक्रवार को हृदय धमनी की एंजियोग्राफी के लिए मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. करीब 71 वर्षीय एनसीपी नेता अनिल देशमुख को पिछले साल नवंबर में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था और बंबई हाईकोर्ट ने हाल ही में उन्हें जमानत दी थी.
जसलोक अस्पताल में कराए गए भर्ती
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अनिल देशमुख अब भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच किए जा रहे भ्रष्टाचार के एक मामले के संबंध में न्यायिक हिरासत में हैं. वह शहर के ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं. भ्रष्टाचार मामले में एनसीपी के वरिष्ठ नेता अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर एक विशेष अदालत सुनवाई कर रही है. अदालत ने 10 अक्टूबर को यहां जसलोक अस्पताल में एंजियोग्राफी करवाने की अनुमति मांगने वाली उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया था.
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इलाज के दौरान साथ में रहेंगी बेटी और पत्नी
सूत्रों के अनुसार, अनिल देशमुख को तब अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सका था, क्योंकि जेल अधिकारियों को आदेश के बारे में सूचना नहीं मिली थी. सूत्रों ने बताया कि उन्हें शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अदालत ने देशमुख के साथ अस्पताल में उनकी बेटी और पत्नी को रहने की अनुमति दी है. हालांकि, अदालत ने देशमुख को इस दौरान स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करने का निर्देश दिया है.