CM अरविंद केजरीवाल पर भड़के अन्ना हजारे- कहा- विचारधारा को भूल, सत्ता के नशे में डूबी दिल्ली सरकार
अन्ना हजारे ने पत्र में लिखा, पिछले कई दिनों से दिल्ली राज्य सरकार की शराब नीति के बारें में जो खबरे आ रही हैं, वह पढ़कर बड़ा दुख होता है. जिस प्रकार शराब की नशा होती हैं. उस प्रकास सत्ता की भी नशा होती हैं. और केजरीवाल सत्त की नशा में डुब गए हैं.
दिल्ली आबकारी नीति विवाद के बीच समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा. उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि, राजनीति में जाकर सीएम बनने के बाद अरविंद केजरीवाल अपने विचारधारा को भूल गए हैं. इसलिए उन्होंने नई शराब नीति बनाई. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रकार शराब की नशा होती हैं. उस प्रकास सत्ता की भी नशा होती हैं. और केजरीवाल सत्त की नशा में डुब गए हैं.
Anna Hazare writes to Delhi CM Kejriwal over New Liquor Policy
"Had expected a similar policy(like Maharashtra's). But you didn't do it.People seem to be trapped in a circle of money for power&power for money. It doesn't suit a party that emerged from a major movement,"he writes pic.twitter.com/4yTvc0XI5K
— ANI (@ANI) August 30, 2022
रिश्वत लेकर राजनेता देते हैं लाइसेंस
अन्ना हजारे ने पत्र में लिखा, पिछले कई दिनों से दिल्ली राज्य सरकार की शराब नीति के बारें में जो खबरे आ रही हैं, वह पढ़कर बड़ा दुख होता है. उन्होंने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, वर्तमान समय में शराब की दुकानों के लिए राजनेताओं की सिफारिश पर लाइसेंस दे दिया जाता है. वे प्राय: रिश्वत लेकर लाइसेंस देते हैं.
पुस्तक स्वारज में लिखा बात को भी दिलाए याद
अन्ना हजारे ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लिखी स्वराज नाम की पुस्तक का भी जिक्र करते हुए कहा, शराब नीति पर केजरीवाल ने बड़ी बड़ी बाते लिखी थी. केजरीवाल ने कहा था कि शराब की दुकानों के कारण भारी समस्याएं पैदा होती है. लोगों का पारिवारिक जीवन तबाह हो जाता है. विडम्बना यह है कि, जो लोग इससे सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं, उन्हें इस बात के लिए कोई नहीं पुछता कि, क्या शराब की दुकान खलनी चाहिए या नहीं? बगैर इन दुकानों को जनता के उपर थोप दिया जाता है.
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अन्ना का शराब नीति पर सुझाव
अन्ना हजारे ने अपने पत्र में सुझाव देते हुए कहा कि शराब की दुकान खोलने के लिए कोई लाइसेंस तभी दिया जाना चाहिए जब ग्राम सभा इसकी मंजूरी दे दे और ग्राम सभा की संबंधित बैठक में, वहां उपस्थित 90 प्रतिशत महिलाएं इसके पक्ष में मतदान करें. उन्होंने कहा, ग्राम सभा में उपस्थित महिलाएं साधारण बहुमत से मौजुदा शराब की दुकानों का लाइसेंस भी रद्द करा सकें.