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बेहद गोपनीय होता है पद्म पुरस्कारों के लिए चुने गए शख्सियतों के नाम का ऐलान, किसी को भी बताने की होती है मनाही

Padma Awards: पद्म पुरस्कार को दिए जाने की प्रक्रिया बेहद ही गोपनीय होती है. पद्म पुरस्कारों के लिए प्राप्त सभी नामांकन पद्म पुरस्कार समिति के समक्ष रखे जाते हैं, जिसका गठन हर साल प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है.

हर साल की तरह इस साल भी 25 जनवरी को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गृह मंत्रालय ने पद्म पुरस्कारों के विजेताओं के नामों का ऐलान किया. इस बार बिहार के 7 लोगों को पद्म पुरस्कार मिला. इनमें शारदा सिन्हा को कला के क्षेत्र में पद्म विभूषण, सुशील कुमार मोदी को लोक कार्य के क्षेत्र में पद्म भूषण एवं स्व. आचार्य किशोर कुणाल को सिविल सेवा के क्षेत्र में पद्मश्री का सम्मान मरणोपरांत दिया गया है. इसके अलावा भीम सिंह भवेश, डॉ. हेमंत कुमार, निर्मला देवी एवं विजय नित्यानंद सुरिश्वर महाराज को पद्मश्री अवॉर्ड मिला. ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल हमेशा कौंधता है कि आखिर ये पद्म सम्मान किसे मिलता है और जिसे यह सम्मान मिलता है उसे इसके बारे में कब बताया जाता है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए प्रभात खबर की टीम पद्मश्री अवॉर्ड के लिए चयनित भोजपुर के भीम सिंह भावेश के घर पहुंची और उन्होंने इसके बारे में हमें जानकारी दी.

पद्म सम्मान
पद्म सम्मान

किसे मिलता है पद्म सम्मान?

पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है, जिसकी घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है. ये पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं. पद्म विभूषण (असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए), पद्म भूषण (उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा) और पद्म श्री (विशिष्ट सेवा) के लिए भारत के राष्ट्रपति के द्वारा प्रदान किया जाता है.

गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय

बेहद गोपनीय होती है चयन प्रक्रिया

बता दें कि पद्म पुरस्कार को दिए जाने की प्रक्रिया बेहद ही गोपनीय होती है. पद्म पुरस्कारों के लिए प्राप्त सभी नामांकन पद्म पुरस्कार समिति के समक्ष रखे जाते हैं, जिसका गठन हर साल प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है. पद्म पुरस्कार समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करते हैं और इसमें गृह सचिव, राष्ट्रपति के सचिव और चार से छह प्रतिष्ठित व्यक्ति सदस्य के रूप में शामिल होते हैं. समिति की सिफारिशें प्रधानमंत्री और भारत के राष्ट्रपति को अनुमोदन के लिए भेजी जाती हैं. वहां से नामों पर मुहर लगने के बाद चयनितों के नामों का ऐलान किया जाता है.

पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित भीम सिंह
पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित भीम सिंह

पद्म पुरस्कारों के चयनितों को गृह मंत्रालय से आता है फोन

पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित भीम सिंह ने बताया कि 25 जनवरी की शाम को जब वह गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहे था. उसी समय पटना एयरपोर्ट पर उनके पास गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने फोन किया. अधिकारी ने उनसे उनके सामाजिक कार्यों के बारे में पूछा और उसके बाद फोन रख दिया. हालांकि इस दौरान भी अधिकारी ने उन्हें नहीं बताया कि उन्हें पद्मश्री मिलने जा रहा है. उन्हें भी इस सम्मान के बारे में गृह मंत्रालय से नाम का ऐलान होने के बाद ही पता चला. इसका मतलब साफ है कि जिन्हें पद्म सम्मान मिलने वाला होता है उन्हें भी आखिरी वक्त तक पता नहीं चलता.

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बेहद भावुक हो गए थे भावेश

भीम सिंह बताते हैं कि उन्हें जब यह पता चला कि उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है. तो वह बिल्कुल आवाक रह गए. कुछ समय के लिए वह पूरी तरह से जम गए थे और उन्हें इस बात का यकीन नहीं हो रहा था कि केंद्र सरकार ने उनके काम को नोटिस किया है और उन्हें यह सम्मान दिया है.

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