कहते हैं प्यार ना तो उम्र को मानता है और ना ही किसी ऊंच-नीच के भेद को. प्यार एक-दूसरे के प्यार के रंग में रंग जाने का नाम है. जब विधाननगर में नेत्रहीन दूल्हे और दुल्हन की शादी की खबर मिली. लोगों को अहसास हो गया कि इन लोगों की बदौलत धरती पर प्यार हमेशा ही बचा रहने वाला है. इस शादी का कनेक्शन झारखंड के धनबाद से है. क्योंकि, दूल्हा बापी धनबाद के हैं और दुल्हन ज्योसना सिलीगुड़ी के करीब विधान नगर की. ज्योत्सना विधान नगर के भीमभार स्नेहाश्रम में रहती हैं. बापी और ज्योत्सना के पास आंखें हैं. उन आंखों में रौशनी नहीं. एक-दूसरे का चेहरा नहीं देख सकते हैं. दोनों ने एक-दूसरे का दिल देखा है, जिसमें सिर्फ प्यार ही प्यार है.
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दोनों की लव स्टोरी भी बेहद दिलचस्प है. किसी बॉलीवुड के फिल्म की स्क्रिप्ट के जैसी. मोबाइल के जरिए दोनों ने एक-दूसरे से बात की और पहली बार में ही एक-दूसरे को दिल दे बैठे. एक साल पहले ज्योत्सना दिल्ली में रहकर पढ़ाई करती थी. एक दिन रॉन्ग नंबर के जरिए दोनों की बातचीत हुई. दोनों ने पहली बार बात की और एक-दूसरे से मोहब्बत कर बैठे. दोनों ने एकसाथ रहने का फैसला कर लिया. अब, 14 जुलाई को दोनों की भीमभार स्नेहाश्रम में शादी है. दोनों की शादी की तैयारियां जारी है. कोरोना गाइडलाइंस का ख्याल भी रखा जा रहा है. शादी कराने में विधान नगर वेलफेयर संस्था भी योगदान दे रही है. लोगों के बीच जाकर पैसे जमा किए जा रहे हैं. उन पैसों से दुल्हन का लाल जोड़ा खरीदा जाएगा, दूल्हे के लिए शानदार शेरवानी भी खरीदी जाएगी.
नेत्रहीनों की शादी कराने का आप लोगों ने जो बीड़ा उठाया है, यह बहुत ही नेक पहल है. विधाननगर के हम सभी व्यापारी इसमें मदद करेंगे. जो भी हमसे बन पड़ेगा, हम करेंगे. आपलोग इस काम को इसी तरह से आगे बढ़ाते रहें.
विधाननगर के स्थानीय निवासी
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दूल्हा-दुल्हन के शिक्षकों अनंत रॉय और आशीष के मुताबिक उन्हें शुरू में दोनों की शादी के आयोजन कराने में दिक्कतें आई. उन्होंने सोचा आखिर इस तरह का आयोजन किस तरह हो सकेगा. उनके पास हौसला था. विधाननगर वेलफेयर की टीम भी इसमें सहयोग दे रही है. वो लोगों के बीच जाकर पैसे इकट्ठे कर रहे हैं. आखिर, 14 जुलाई नजदीक आने वाली है. उनकी कोशिश है यह खास लम्हा बापी और ज्योत्सना के लिए हमेशा के लिए यादगार बना दिया जाए.