नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में शामिल होने वाले लोगों की मौत बदस्तूर जारी है. बुधवार को दिल्ली से सटे हरियाणा के सोनीपत स्थित सिंघु-कुंडली बॉर्डर पर एक और किसान की मौत हो गई. किसान का शव फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला है. वह किसानों के प्रदर्शन में शामिल था. किसान की पहचान पंजाब के फतेहगढ़ साहिब निवासी गुरप्रीत सिंह के रूप में की गई है.
मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि मृतक किसान गुरप्रीत सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब स्थित अमरोह तहसील के रुड़की गांव का निवासी है और वह भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के सिद्धपुर इकाई से जुड़ा हुआ है. उसकी मौत के बाद कयास यह लगाए जा रहे हैं कि उसने आत्महत्या की या फिर उसकी हत्या कर दी गई है.
कुंडली थाने के जांच अधिकारी प्रदीप कुमार ने मीडिया को बताया कि सोनीपत के सुशांत शहर के पास आज सुबह पेड़ से लटका हुआ एक व्यक्ति का शव मिला. मौत के कारण का पता नहीं चला है, लेकिन हमें बताया गया है कि वह मानसिक रूप से परेशान था. शव को सिविल अस्पताल लाया गया.
Haryana | 1 person died by suicide after hanging himself from a tree near Sushant City, Sonepat this morning. Reason of death not known, but we've been told that he was mentally disturbed. Dead body brought to Civil Hospital:Pradeep Kumar, Investigating officer,Kundali Police Stn pic.twitter.com/R2KAyz0KvP
— ANI (@ANI) November 10, 2021
फिलहाल, कुंडली थाने में प्राथमिकी दर्ज कर दोनों कोणों से जांच शुरू कर दी गई है. कुंडली थाने के पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही किसान की मौत की असली वजह का पता चल पाएगा.
बता दें कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को करीब 1 साल पूरे होने वाले हैं. उधर, किसानों के संगठन ने आगामी 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान ट्रैक्टर रैली निकालने का फैसला किया है.
इसके लिए किसान एकता मोर्चा के बैनर तले किसानों के संगठन की बैठक भी आयोजित की गई थी. इस बैठक में आंदोलन को और तेज करने को लेकर रणनीति तैयार की गई. इस बैठक में भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत समेत कई संगठनों के नेता शामिल थे.
उधर, मीडिया में इस बात को लेकर भी चर्चा की जा रही है कि दिल्ली पुलिस संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान किसानों की ट्रैक्टर रैली को अनुमति नहीं देने का मन बनाया है. हालांकि, कहा यह जा रहा है कि अगर किसान संगठन जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाएंगे, तो उन्हें इसकी इजाजत जरूर दी जाएगी.