ममता बनर्जी को एक और झटका, कैलाश विजयवर्गीय, अर्जुन सिंह को सुप्रीम कोर्ट से राहत, बंगाल सरकार को नोटिस

पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी को लगातार झटके लग रहे हैं. एक ओर उनकी पार्टी के दिग्गज नेता उन्हें छोड़कर जा रहे हैं, तो दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो वरिष्ठ नेताओं कैलाश विजयवर्गीय और अर्जुन सिंह को शुक्रवार को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगा दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2020 3:56 PM

कोलकाता/नयी दिल्ली (आनंद सिंह) : पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी को लगातार झटके लग रहे हैं. एक ओर उनकी पार्टी के दिग्गज नेता उन्हें छोड़कर जा रहे हैं, तो दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो वरिष्ठ नेताओं कैलाश विजयवर्गीय और अर्जुन सिंह को शुक्रवार को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की पुलिसिया कार्रवाई पर रोक लगा दी.

ममता बनर्जी सरकार को भी इस संबंध में नोटिस जारी किया. बंगाल में भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज किये गये आपराधिक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए भाजपा नेताओं को राहत प्रदान की. कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार व पुलिस को नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि अगली सुनवाई तक प्रदेश में भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाये.

मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी. यह याचिका भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, सांसद अर्जुन सिंह और अन्य लोगों ने दायर की थी. इसमें कहा गया है कि बंगाल में उनके ऊपर चल रहे केस रद्द किये जायें या उन्हें दूसरे राज्यों में ट्रांसफर किया जाये. याचिका में कहा गया है कि ये केस झूठे और जान-बूझकर लगाये गये हैं.

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जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इन नेताओं की याचिकाओं पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किये हैं. पीठ इस मामले में अब जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेगी. इन नेताओं ने अलग-अलग दायर याचिकाओं में आरोप लगाया है कि विधानसभा के आसन्न चुनावों से संबंधित राजनीतिक गतिविधियों से उन्हें दूर रखने के लिए उन पर आपराधिक मामले थोपे जा रहे हैं.

मुकुल रॉय, कैलाश विजयवर्गीय और अर्जुन सिंह के अलावा भाजपा के दो अन्य नेताओं पवन कुमार सिंह और सौरभ सिंह ने भी राज्य में उनके खिलाफ दर्ज मामलों में संरक्षण के लिए न्यायालय में याचिका दायर की है. न्यायालय ने इन नेताओं को अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए गृह मंत्रालय से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल भाजपा के नेता कबीर शंकर बोस के सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प के बारे में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है. कबीर शंकर बोस ने कोर्ट में अलग से याचिका दायर की है.

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Posted By : Mithilesh Jha

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