अब आतंकी ड्रोन से लड़ेंगे एंटी ड्रोन सिस्टम, जानें क्या है खासियत
कर्नाटक के कोलार में बीएसएफ अधिकारियों के सामने DRDO ने कंट्रोल कंडीशन में एंटी ड्रोन सिस्टम का टेस्ट किया था. अब बीएसएफ का कहना है कि इसका टेस्ट बोर्डर पर बेहतर ढंग से हो सकेगा.
भारत पाकिस्तान की सीमा पर बीएसएफ ( सीमा सुरक्षा बल) ने एंटी ड्रोन सिस्टम का टेस्ट करने की अपील की है. जम्मू पर ड्रोन से हुए आतंकी हमले के बाद भारत लगातार सीमा पर ड्रोन की गतिविधियों पर नजर रख रहा है. बीएसएफ ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन से अपील की है कि अगर बोर्डर पर इसका टेस्ट होगा तो बेहतर होगा.
कर्नाटक के कोलार में बीएसएफ अधिकारियों के सामने DRDO ने कंट्रोल कंडीशन में एंटी ड्रोन सिस्टम का टेस्ट किया था. अब बीएसएफ का कहना है कि इसका टेस्ट बोर्डर पर बेहतर ढंग से हो सकेगा.
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भारत पाकिस्तान बोर्डर पर इस्लामिक औ खालिस्तानी आतंकी संगठनों ने ड्रोन की मदद से गतिविधियां बढ़ा दी है. खासकर जम्मू-कश्मीर और पंजाब में ड्रोन का खूब इस्तेमाल हो रहा है. ड्रोन की मदद से ना सिर्फ नशीले पदार्थ बल्कि गोला बारूद भी सप्लाई किये जा रहे हैं.
27 जून को जम्मू एयरबेस में आतंकियों ने हमला किया था. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अखनूर-सुंदरबनी में भारतीय क्षेत्र के आठ किलोमीटर अंदर गुरचक गांव के पास आईईडी ले जा रहे एक ड्रोन को मार गिराया गया है.
अब ड्रोन को लेकर जो तकनीक बनी है उसमें चार किलोमीटर की रडार डिटेक्शन रेंज, दो किलोमीटर से अधिक की जैमिंग रेंज और एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी की मारक क्षमता है. इसका इस्तेमाल 2020 की सर्दियों में अमृतसर सीमा पर भी किया गया था अब इसे आक्रामक तरीके से इस्तेमाल करने की रणनीति तेज हो गयी है.
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सुरक्षा बलों ने ड्रोन से निपटने की इस नयी तकनीक का इस्तेमाल अबतक नहीं किया है. बोर्डर पर इसकी तैनाती जल्द हो इसकी तैयारी की जा रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ- साथ तीन कंपनियों ने इस सिस्टम के निर्माण के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किया है.