नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से की गयी नौ नामों की सिफारिश को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेज दिया है. इस संबंध में राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सुप्रीम कोर्ट में इन नौ जजों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जायेगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़कर 34 होने की उम्मीद है. इन नौ नामों में तीन महिला जजों का नाम भी शामिल है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, जिसमें मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना, जस्टिस यू यू ललित, ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड़ और एल नागेश्वर राव शामिल थे, ने 17 अगस्त को शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिए आठ उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और एक वकील सहित नौ नामों की सिफारिश की थी.
कॉलेजियम की ओर से जिन नौ नामों की सिफारिश की गयी है उनमें चार हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश- जस्टिस विक्रम नाथ (गुजरात हाई कोर्ट), जस्टिस एएस ओका (कर्नाटक हाई कोर्ट), जस्टिस हिमा कोहली (तेलंगाना हाई कोर्ट) और जस्टिस जेके माहेश्वरी (सिक्किम हाई कोर्ट) के नाम शामिल हैं.
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इसके अलावा चार हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीवी नागरत्ना (कर्नाटक हाई कोर्ट), जस्टिस एमएम सुंदरेश (मद्रास हाई कोर्ट), जस्टिस सीटी रविकुमार (केरल हाई कोर्ट) और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (गुजरात हाई कोर्ट) के नाम भी इस सूची में हैं. नौवां नाम वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पी एस नरसिम्हा का है.
कॉलेजियम की ओर से भेजे गये नामों को मंजूरी मिलती है, तो ये सभी सुप्रीम कोर्ट के जज बन जायेंगे. वही कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस बीवी नागरत्ना देश की पहली महिला चीफ जस्टिस भी बन सकती हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस नागरत्ना 25 सितंबर से 29 अक्टूबर, 2027 तक की छोटी अवधि के लिए देश की चीफ जस्टिस बन सकती हैं. उनके अलावा, गुजरात के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और वरिष्ठ अधिवक्ता नरसिम्हा के पास भी छोटे कार्यकाल के साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने का मौका है.
पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस वेंकटरमैया की बेटी जस्टिस न्यायमूर्ति नागरत्ना ने 2008 में कर्नाटक उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले बेंगलुरु में कानून का अभ्यास किया. वह वर्तमान में उच्च न्यायालय में दूसरी सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं. वरीयता के आधार पर ही इनके चीफ जस्टिस बनने की चर्चा है. 17 अगस्त को, जब कॉलेजियम की बैठक हुई, तो सुप्रीम कोर्ट में नौ रिक्तियां थीं. न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा के 18 अगस्त को सेवानिवृत्त होने के साथ यह संख्या बढ़कर 10 हो गयी है.
Posted By: Amlesh Nandan.