Amit Khare: चारा घोटाला का पर्दाफाश करने वाले अमित खरे PM नरेंद्र मोदी के सलाहकार नियुक्त

Amit Khare: बिहार-झारखंड कैडर के 1985 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी व पूर्व मानव संसाधन व सूचना प्रसारण सचिव अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है. मंगलवार को उनका नियुक्ति आदेश जारी किया गया. वह 30 सितंबर को उच्च शिक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2021 5:10 PM
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Amit Khare: बिहार-झारखंड कैडर के 1985 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी व पूर्व मानव संसाधन व सूचना प्रसारण सचिव अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है. मंगलवार को उनका नियुक्ति आदेश जारी किया गया. वह 30 सितंबर को उच्च शिक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं.

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अमित खरे को प्रधानमंत्री मोदी का सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. पीएमओ में उनकी संविदा नियुक्ति भारत सरकार के सचिव की रैंक व स्कैल पर की गई है और दो वर्ष तक वे इस पद पर रहेंगे. अमित खरे ने पीएम मोदी के निर्देशन में नई शिक्षा नीति 2020 बनाने और सूचना व प्रसारण मंत्रालय में रहते हुए डिजिटिल मीडिया नियमों में बदलाव में भी अहम भूमिका निभाई थी.

अमित खरे की पीएमओ में नियुक्ति पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा व पूर्व सचिव अमरजीत सिन्हा के इसी साल पीएमओ में सलाहकार का पद छोड़ने के बाद की गई है. अमित खरे पूर्ण पारदर्शिता के साथ स्पष्ट निर्णय लेने वाले अधिकारी के रूप में पहचाने जाते हैं. वह उन चुनिंदा सचिवों में हैं, जिन्होंने पीएम मोदी के अधीन केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय में उच्च शिक्षा व स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख और सूचना व प्रसारण सचिव का पद संभाला है.

बिहार-झारखंड कैडर के 1985 बैच के आइएएस अधिकारी अमित खरे ने दिसंबर 2019 में शिक्षा मंत्रालय के सचिव का पदभार ग्रहण किया था. उनकी नियुक्ति के कुछ ही समय के भीतर, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को कैबिनेट द्वारा 29 जुलाई 2020 को अनुमोदित किया गया था. रिटायर्ड आइएएस अधिकारी अमित खरे उस समय भी चर्चा में आए थे, जिस समय चारा घोटोला का पर्दाफाश किया था.

अमित खरे ने चाईबासा उपायुक्त रहते हुए चारा घोटाले में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था. फिर इस मामले में एक-एक कई नेता व अधिकारी फंसते गए और उन्हें जेल पहुंचाया गया, जिसमें से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का भी नाम शामिल है. लालू प्रसाद आज सलाखों के पीछे हैं.

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