कोरोना योद्धाओं को सम्मान में खर्च हुए 50 करोड़ रुपये से अधिक, क्या यह जरूरी था?
corona warriors Thank You: देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं को बीते रविवार को देश की तीनों सेनाएं(थलसेना, वायुसेना व नौसेना) अपने-अपने तरीके से सलाम किया. कोरोना कर्मवीरों की अटूट प्रतिबद्धता के लिए आभार जताया. भारतीय वायु सेना ने देश के कई शहरों में पुष्पवर्षा कर आभार प्रकट किया. पूरी दुनिया में ये बात सुर्खियां बनीं. मगर क्या यह जरूरी था..?
देश में कोरोनावायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे कोरोना योद्धाओं को बीते रविवार को देश की तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना व नौसेना) ने अपने-अपने तरीके से सलाम किया. कोरोना कर्मवीरों की अटूट प्रतिबद्धता के लिए आभार जताया. भारतीय वायु सेना ने देश के कई शहरों में पुष्पवर्षा कर आभार प्रकट किया. पूरी दुनिया में ये बात सुर्खियां बनीं. ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम में एक अनुमान के मुताबिक, 50 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए.
ऐसे वक्त में जब देश की अर्थव्यवस्था संकट में है, प्रवासी मजदूरों की समस्या हर छायी हुई है, डॉक्टर सहित अस्पतालकर्मी पीपीई किट की कमी से जूझ रहे हैं, तो क्या कोरोना योद्धाओं के सम्मान में 50 करोड़ रुपया खर्च करना सही था. ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना के बड़े अधिकारी इस कार्यक्रम के पक्ष में नहीं थे. रक्षा सूत्रों के हवाले से इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फाइटर जेट अगर एक घंटा तक उड़ती है तो करीब साढे छह से सात लाख रुपये तक का खर्च आता है. इसमें ईंधन से लेकर हर तरह का खर्च शामिल है.
ठीक इसी तरह छोटे एयरक्राफ्ट के एक घंटा उड़ने में करीब दो लाख रुपये खर्च बैठता है. सैन्य परिवहन विमान ( military transport aircraft ) जैसे सी-130 जे सुपर हरक्यूलस का खर्च तो फाइटर जेट से तीन गुना ज्यादा है. रविवार को हुए कार्यक्रम में दो सैन्य परिवहन विमान की सेवा ली गयी थी. श्रीनगर और चंडीगढ़ में की आसमान में इस विमान ने चक्कर लगाए थे. दिल्ली के राजपथ पर भी यह फ्लाइपास्ट का हिस्सा था.
एयरफोर्स का सुखोई-30 मुंबई के मरिन ड्राइव पर उड़ा था. पुणे से तीन सुखोई-30 मुंबई के लिए उड़ा था जिसका खर्च करीब 45 से 50 लाख रुपये के बीच आया. सूत्र ने आगे बताया कि कि एयरफोर्स के चॉपर्स तेलंगाना के कोच्ची में उड़ा था.इसे पहले यहां एक दिन पहले फ्लाई पास्ट का ट्रायल हुआ था. इसके अलावा कई अस्पतालों जैसे गांधी हॉस्पिटल हैदराबाद में सेना ने खाने-पीने की वस्तुएं भी बांटी जिसे ट्रकों में भर कर लाया गया था.
कोरोना योद्धाओं के इस सम्मान पर दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ एस राजकुमार ने कहा कि यह तमाम कमियों के बीच कोरोना से जंग में जुटे लोगों के हौसला बढ़ाने के लिया किया गया एक प्रयास भर था. शनिवार रात कश्मीर के हंदवाड़ा में बारतीय सेना के पांच जवान शहीद हुए थे उसके अगले दिन रविवार को भारतीय सेना ने कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया.