जोशीमठ में भू-धंसान से आर्मी बेस भी प्रभावित, 25-28 इमारतों में दरारें, सैनिकों को शिफ्ट किया गया

आर्मी चीफ मनोज पांडे ने बताया कि सेना की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें आ गयी हैं, जिन्हें देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से सैनिकों को अस्थायी रूप से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है.

By Rajneesh Anand | January 12, 2023 2:24 PM

जोशीमठ में भू-स्खलन की समस्या ने अब आर्मी बेस को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया है. आर्मी चीफ मनोज पांडे ने आज प्रेस काॅन्फ्रेंस में यह जानकारी दी कि कि सेना की 25-28 इमारतों में दरारें आ गयी हैं, जिसकी वजह से सैनिकों को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है. 15 जनवरी आर्मी दिवस से पहले मनोज पांडे मीडिया को संबोधित कर रहे थे.

25-28 इमारतों में मामूली दरारें

आर्मी चीफ मनोज पांडे ने बताया कि सेना की 25-28 इमारतों में मामूली दरारें आ गयी हैं, जिन्हें देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से सैनिकों को अस्थायी रूप से दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है. जरूरत पड़ने पर उन्हें स्थायी रूप से औली में स्थानांतरित किया जा सकता है.

पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में 400 तोप तैनात

आर्मी चीफ ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में लद्दाख में सेना के लिए बुनियादी ढांचे और आवास आवश्यकताओं के लिए लगभग 1300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, पिछले 2 वर्षों में लगभग 55,000 सैनिकों के लिए आवास की व्यवस्था की गयी और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में 400 तोप तैनात की गयीं.

जोशीमठ एलएसी से 100 किलोमीटर दूर

जोशीमठ एलएसी से मात्र 100 किलोमीटर दूर है, इस वजह से यहां सेना और और आईटीबीपी की तैनाती रहती है. मनोज पांडे ने बताया कि जोशीमठ से माणा जाने वाली सड़क पर भी दरारें आयी हैं जिनकी मरम्मत का कार्य चल रहा है. हालांकि इन दरारों का असर सेना की आवाजाही पर नहीं पड़ा है.

रूस-यूक्रेन युद्ध हमारे लिए सबक

रूस-यूक्रेन युद्ध पर आर्मी चीफ ने कहा कि हमने परिचालन, रणनीतिक और सामरिक स्तरों पर हमारे लिए क्या सबक हैं, इसका विश्लेषण किया. हमें इन पाठों को प्रासंगिक बनाना है. हमने उन्हें बड़े हथियार मंच, साइबरस्पेस आदि के संदर्भ में शामिल किया है.

Also Read: हर वर्ष छूट जाते हैं गंगासागर मेले में सैकड़ों लोग, 5 फीसदी ऐसे भी जो जानबूझकर छोड़ देते हैं अपनों को

Next Article

Exit mobile version